पटना: एयर क्वालिटी के मामले में साल 2019 पूरे देश और राज्य के साथ-साथ पटना वासियों के लिए भी बेहद खराब साबित हुआ. पटना में वायु की गुणवत्ता बेहद ही निचले स्तर पर रही और लगातार देशभर में वायु प्रदूषण के मामले में पटना नए रिकॉर्ड बनाता रहा.
पटना में लगे एयर क्वालिटी मॉनिटर के मुताबिक वायु प्रदूषण के मामले में पटना देश के टॉप 3 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शुमार हुआ. वायु गुणवत्ता सूचकांक में बिहार के अंदर पटना की हवा सबसे ज्यादा जहरीली और धूल कण से मिश्रित पाई गई. पार्टिकुलेट मैटर 10 और 2.5 लेवल के मामले में भी पटना सबसे खराब स्थान पर रहा. पटना में चल रहे निर्माण कार्य, विशेष रूप से सरकारी निर्माण कार्यों में बरती जा रही लापरवाही पटना की हवा को प्रदूषित करने के सबसे बड़े कारण हैं. इस सच्चाई को बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक कुमार घोष ने भी स्वीकारी.
पटना में तीन नये एयर क्वालिटी मॉनीटर लगाये गये हैं
हालांकि, हालात बदतर होने के बाद सरकार जरूर जागी और हवाओं की गुणवत्ता मापने के लिये दिसंबर तक पटना में तीन नए एयर क्वालिटी मॉनिटर लगाए जा चुके हैं. इसके साथ ही पटना में ऐसे वायु गुणवत्ता केंद्रों की संख्या 4 हो गई है जिनसे पटना के प्रदूषण के बारे में सही आंकड़े उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी.
सरकार ने लिये कई अहम फैसले
वहीं, हवाओं की स्थिती भयावह होने के बाद नीतीश सरकार ने कई अहम फैसले भी लिये. इनमें 15 साल से ज्यादा पुरानी सरकारी और व्यवसायिक वाहनों के परिचालन पर रोक लगाना शामिल है. साथ ही निजी वाहनों को प्रदूषण जांच भी कराना होगा. इसके अलावा सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दिया जा रहा है.