पटना: पटना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को लंबित पड़े दो मामलों पर सुनवाई की. पहले मामले में कोर्ट ने पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने अलमारी कारखानों से हो रहे वायु और ध्वनि प्रदूषण पर कड़ा रूख अपनाया है. वहीं, अन्य मामले में कोर्ट ने डीएलएड परीक्षा के अंक पत्र और सर्टिफिकेट में देरी के मामले में राज्य के हजारों प्राथमिक शिक्षकों को बड़ी राहत दी.
पहला मामला
शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट ने राजधानी के अलमीरा कारखानों की ध्वनि और वायु प्रदूषण मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खण्डपीठ ने सलीमुल्लाह और सरोज कुमार की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में दो वकीलों की जांच समिति गठित करने का निर्देश दिया है.
गठित हुई दो वकीलों की समिति
मामले की जांच समिति में अधिवक्ता संकेत कुमार और पातंजलि ऋषि शामिल हैं. हाई कोर्ट ने इस समिति को पूरे मामले की जांच कर एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. साथ ही हाई कोर्ट ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया है कि जांच समिति को सभी कागजात और कार्रवाई का ब्यौरा देकर सहयोग करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी.
दूसरा मामला
दूसरे मामले में पटना हाई कोर्ट ने डीएलएड परीक्षा के अंक पत्र और सर्टिफिकेट में देरी मामले में राज्य के हजारों प्राथमिक शिक्षकों को बड़ी राहत दी. जस्टिस पीके झा ने वंशीधर ब्रिजवासी और अन्य की याचिकाओं सुनवाई करते हुए सरकार को यह निर्देश दिया है कि डीएलएड परीक्षा के सफल अभ्यार्थियों के वेतन बढ़ोतरी की तारीख को डीएलएड ट्रेनिंग खत्म होने की तारीख से करने का विचार करें.
यह भी पढ़ें: कुशवाहा को PMCH ले जाने के दौरान सड़क पर उतरे कार्यकर्ता, कहा- अनशन तुड़वाने की हो रही साजिश
यह है पूरा मामला...
बता दें कि बिहार के हजारों प्राथमिक शिक्षकों का डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन का सत्र 2013-15 के लिए ट्रेनिंग 2017 में पूरा हुआ. ऊपर से राज्य परीक्षा समिति, ट्रेनिंग पूरी करने वाले हजारों शिक्षकों का परीक्षा भी नहीं ले पा रही थी. अंततः हाई कोर्ट के आदेश पर नवम्बर 2018 में परीक्षा संचालित हुई. जिसका रिजल्ट इस वर्ष मार्च महीने में निकला. कोर्ट ने इसके साथ ही मामले को निष्पादित कर दिया.