पटना: पटना हाईकोर्ट ने छपरा नगर निगम (Chhapra Municipal Corporation) द्वारा आवंटित दुकानों के एग्रीमेंट को रद्द करने और दुकान खाली करने के निगम आयुक्त के आदेश को रद्द करने के लिए दायर याचिका सुनवाई की. जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा ने मामले पर सुनवाई करते हुए छपरा के डीएम और निगम आयुक्त को नोटिस जारी किया है. साथ ही कोर्ट ने यथास्थिति बनाये रखने का आदेश देते हुए राज्य सरकार, निगम और जिलाधिकारी से जवाब तलब किया है.
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छपरा निगम क्षेत्र स्थित खनुआ ड्रेनेज को स्थानीय नागरिकों ने ढकने का अनुरोध किया. उसके बाद ढके गए ड्रेनेज पर वर्ष 1997 में दुकान का निर्माण प्रारंभ किया गया, जो वर्ष 2000 में पूरा हुआ. याचिकाकर्ताओं को दुकान आवंटित किया गया और उनके साथ करार भी हुआ. छपरा के नगरपालिका द्वारा द्वारा वर्ष 2011 में अखबार में यह समाचार प्रकाशित करवाया गया कि ड्रेनेज पर किये गए अवैध अतिक्रमण को हटाया जाएगा.
इसके बाद वर्ष 2011 में ही पटना हाई कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया. साथ ही याचिका के निष्पादित होने की तिथि पांच दिन के भीतर दुकानदारों के अभ्यावेदन को निष्पादित करने का आदेश दिया. वर्ष 2017 में फिर से दुकानों को खाली करने को लेकर समाचार प्रकाशित किया गया. वर्ष 2017 में कुछ याचिकाकर्ताओं समेत अन्य लोगों ने पटना हाई कोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर किया, जोकि अभी भी लंबित है. इस दौरान इन दुकानों में हस्तक्षेप नहीं किया गया.
वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि निगम आयुक्त के हस्ताक्षर से 25 अगस्त, 2021 को आवंटित किये गए दुकानों के करार को रद्द करते हुए नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर दुकानों खाली करने का आदेश दिया गया. इसी मामले में कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए अधिकारियों को नोटिस जारी जवाब मांगा गया. इस मामले पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद की जाएगी.
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