पटना : पटना हाईकोर्ट ने बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में अधिकारियों/ कर्मचारियों के रिक्त पदों को नहीं भरे जाने के मामले पर राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है. अधिवक्ता प्रिंस कुमार मिश्र की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने सुनवाई की. इस मामले पर अगली सुनवाई अगले साल यानी जनवरी 2024 में होगी.
कई महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े हुए हैं : याचिकाकर्ता अधिवक्ता प्रिंस कुमार मिश्र ने कोर्ट को बताया कि बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में अध्यक्ष व अन्य सदस्यों के रिक्त पदों को तो भर दिया गया है. परन्तु आयोग में अधिकारियों व कर्मचारियों के पद बड़ी संख्या में रिक्त पड़े हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि, इन रिक्त पदों को नहीं भरे जाने के कारण बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर पा रहा है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि डीएसपी, डिप्टी सेक्रेटरी, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, रिसर्च ऑफिसर, ट्रेनिंग ऑफिसर जैसे महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े हुए हैं.
'आयोग का मौलिक उद्देश्य ही खत्म हो रहा' : साथ ही पुलिस इंस्पेक्टर, सब पुलिस इंस्पेक्टर, क्लर्क, स्टेनो, प्राइवेट असिस्टेंट आदि अनेको पद रिक्त पड़े हुए है. प्रिंस कुमार मिश्र ने कोर्ट को बताया कि इन सब महत्वपूर्ण पदों के रिक्त होने के कारण आयोग प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर पा रहा. उन्होंने कहा कि बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के मूलभूत ढांचे के सही ढंग से कार्य नहीं करने के कारण आयोग का मौलिक उद्देश्य ही खत्म हो रहा है. इस मामले पर अगली सुनवाई जनवरी 2024 में की जाएगी. अब ऐसे में सरकार की तरफ से क्या कहा जाता है इसपर निगाह टिकी रहेगी.
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