पटनाः बिहार की पटना हाईकोर्ट ने बीएसएससी तृतीय स्तानक स्तरीय प्रतियोगिता प्रारंभिक परीक्षा को चुनौती देने वाली सभी याचिका को खारिज कर दिया है. याचिकाओं के खारिज होते ही मुख्य परीक्षा के परिणाम को प्रकाशित करने का रास्ता भी साफ हो गया है. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने अपने निर्णय आज सुनाया. ये याचिका प्रिया कुमारी व अन्य द्वारा दायर की गई थी.
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परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिजः इस जनहित याचिका को दायर करने वाली प्रिया कुमारी पर कोर्ट ने 50 हजार का का आर्थिक जुर्माना लगाया है. अदालत इस तरह की फजूल की याचिकाओं पर लगातार सख्त रवैया अपनी रही है. वहीं बीएसएसबी के अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम ने बताया कि 23 दिसंबर 2022 को ये प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी. जिसका पर्चा लीक होने की बात सामने आई थी.
'मामले में आयोग ने तुरंत की थी कार्रवाई': उन्होंने बताया कि इस मामलें में आयोग ने तुरंत कार्रवाई की और प्राथमिकी दर्ज कराई. कुछ लोगों से पूछताछ और गिरफ्तारियां भी हुईं और परीक्षा को रद्द कर दिया गया. इसके बाद दो परीक्षा बिल्कुल सही ढंग से ली गयी. इन परीक्षाओं के बाद फिर ये बात उठी कि इन परीक्षाओं का पर्चा भी लीक हो गया है, लेकिन जब इसकी जांच कराई गई तो कोई तथ्य सही नहीं पाया गया.
मेन परीक्षा का रिजल्ट जारी होने का रास्ता साफः अधिवक्ता सुंदरम ने बताया कि इसके बाद आयोग ने मेन परीक्षा भी ली और इसका परिणाम प्रकाशित होने वाला है. लेकिन प्रारंभिक परीक्षा का पर्चा लीक होने की बात कह कर पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका समेत अन्य याचिकाएं दायर थीं. जिससे मेन परीक्षा का रिजल्ट जारी नहीं हो सका. अब कोर्ट ने सभी पक्षों को विस्तार से सुन कर अपना निर्णय सुनाते हुए सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
"कोर्ट के इस फैसले केम बाद मेन परीक्षा का रिजल्ट जारी हो पाएगा, कोर्ट में डाली गई याचिकाओं में कोई तथ्य नहीं था. याचिकाओं में दूसरी बार भी परीक्षा पेपर लीक होने की बात कही गई थी, जो गलत थी. जांच में कोई तथ्य सही नहीं पाया गया था"- सत्यम शिवम सुंदरम, अधिवक्ता, बीएसएससी
इन अधिवक्ताओं ने रखा अपना पक्षः इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से रितिका रानी और निरंजन कुमार तथा राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही और बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा.