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पटना HC ने एक बहुमंजिली ईमारत के निर्माण पर लगाई रोक, 12 अप्रैल को अगली सुनवाई - जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह

जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने हाईकोर्ट के सटे मजार के पास एक बहुमंजिली ईमारत के निर्माण पर रोक लगा दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 12 अप्रैल को की जाएगी.

Patna High Court prohibits
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Published : Mar 18, 2021, 10:08 AM IST

Updated : Mar 18, 2021, 10:14 AM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट से सटे मजार के पास एक बहुमंजिली ईमारत के निर्माण पर रोक लगा दिया है. जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की.

यह भी पढ़ें - AIDS बीमारी पर नियत्रंण को लेकर पटना हाईकोर्ट ने की सुनवाई, रिपोर्ट पेश करने का निर्देश

कोर्ट ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई के पहले विस्तृत हलफनामा दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस इमारत के पहले तल पर मुसाफिरखाना होगा. ऊपर के दो तल पर बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड का कार्यालय होगा. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि इस भवन निर्माण के लिए हाईकोर्ट से सहमति ली गई थी क्या?

कोर्ट ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया कि इसका निर्माण करोना महामारी के दौरान लॉकडॉउन में कैसे हुआ. कोर्ट को यह भी बताया गया कि राजभवन, विधानसभा, हाईकोर्ट और सचिवालय के दो सौ मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकता.

यह भी पढ़ें - ट्रांसजेंडरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण और ट्रेंड लाइब्रेरियन एसोसिएशन मामले पर HC ने की सुनवाई

शताब्दी भवन से सटे मजार की इस इमारत से हाई कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर होने वाले असर को भी संविधान पीठ ने काफी गंभीरता से लिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 12 अप्रैल को की जाएगी.

पटना: पटना हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट से सटे मजार के पास एक बहुमंजिली ईमारत के निर्माण पर रोक लगा दिया है. जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की.

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कोर्ट ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई के पहले विस्तृत हलफनामा दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस इमारत के पहले तल पर मुसाफिरखाना होगा. ऊपर के दो तल पर बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड का कार्यालय होगा. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि इस भवन निर्माण के लिए हाईकोर्ट से सहमति ली गई थी क्या?

कोर्ट ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया कि इसका निर्माण करोना महामारी के दौरान लॉकडॉउन में कैसे हुआ. कोर्ट को यह भी बताया गया कि राजभवन, विधानसभा, हाईकोर्ट और सचिवालय के दो सौ मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकता.

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शताब्दी भवन से सटे मजार की इस इमारत से हाई कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर होने वाले असर को भी संविधान पीठ ने काफी गंभीरता से लिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 12 अप्रैल को की जाएगी.

Last Updated : Mar 18, 2021, 10:14 AM IST
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