पटना : बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में जूनियर इंजीनियर के लिए करीब 6379 पदों पर नए सिरे से विज्ञापन जारी किया जाएगा. पटना हाईकोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश जारी किया. याचिकाकर्ता अजय कुमार भारती की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जूनियर इंजीनियर की बहाली के नियमों में परिवर्तन कर नए सिरे से विज्ञापन चार महीने में निकालने का निर्देश दिया.
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25 जनवरी को लिया गया निर्णय : मामले की सुनवाई जस्टिस पीवी बजंत्री की खंडपीठ ने की. नए नियमों के मुताबिक जिन उम्मीदवारों की उम्र सीमा खत्म होगी, उन्हें उम्र सीमा में रियायद मिलेगी. पिछले महीने राज्य सरकार ने एक बैठक कर इस बात का निर्णय लिया कि बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में जूनियर इंजीनियर की बहाली संबंधी विज्ञापन को वापल ले लिया जाएगा.
इस दौरान राज्य सरकार ने जूनियर इंजीनियर संबंधी नियुक्ति को लेकर पटना हाईकोर्ट को यह जानकारी दी. होईकोर्ट में यह भी बताया गया कि अब नए नियमों के मुताबिक बहाली की जाएगी. इस दौरान न्यायालय में दोनों याचिकाकर्ता (दिनू कुमार और रितिका रानी) ने अपना पक्ष रखा. वहीं बिहार सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखा. इसी के साथ अदालत ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद याचिका को निष्पादित कर दिया.
सहायक प्राध्यापक के परीक्षा परिणाम पर रोक : वहीं दूसरी तरफ पटना उच्च न्यायालय ने एसिसटेंट प्रोफेसर के परीक्षा परिणाम पर रोक लगा दिया है. जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा ने याचिका पर सुनवाई की. वसुन्धरा राज और संगीता कुमारी की ओर से यह याचिका दायर की गयी थी. अधिवक्ता चंद्रशेखर सिंह के जरिये रिट याचिका दायर की गयी थी. कोर्ट ने मनोविज्ञान विषय के सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति के लिए घोषित होने वाले परिणाम पर रोक लगा दिया है.
बता दें कि विभिन्न विषयों के सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए बिहार राज्य विश्विद्यालय सेवा आयोग द्वारा रिक्तियां प्रकाशित की गई थी. इसके बाद, मनोविज्ञान विषय का इंटरव्यू भी हो चुका है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आरक्षण के मामले में कथित रूप से गड़बड़ी की गई है. कोर्ट को बताया गया कि मनमाने ढंग से पिछड़े वर्ग के याचिकाकर्ता को अनारक्षित कोटि में डाल दिया गया. इस मामले में आगे भी सुनवाई की जाएगी.