पटना: बिहार पंचायत चुनाव किस माध्यम से होंगे इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने इस मामले को लेकर पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. दो बार सुनवाई होने के बावजूद अभी तक कोई ठोस निर्णय होता नहीं दिखा है. उच्च न्यायालय ने दोनों आयोग को इस मसले पर आपसी सहमति से निर्णय करने का निर्देश दिया है. हालांकि 6 अप्रैल को न्यायालय अपना फैसला सुनाएगी.
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बिहार पंचायत चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयोग चुनाव कराने के लिए दूसरे विकल्प पर भी गंभीर है. राज्य में 1 लाख 20 हजार मतदान केंद्रों पर पंचायत चुनाव के दौरान वोट डाले जाएंगे. अगर ईवीएम से चुनाव नहीं होते हैं, तो हर मतदान केंद्रों पर दो बैलट बॉक्स में वोट डालने जाएंगे. एक बड़ा बैलट बॉक्स और दूसरा छोटा बैलट बॉक्स मतदान केंद्रों पर रखे जाएंगे. इस लिहाज से तकरीबन 2.5 लाख बैलट बक्सों की तैयारी की जाएगी.
ईवीएम या बैलेट?
गौरतलब है कि मतों की गिनती के बाद बैलट बॉक्स को 6 महीने तक स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा जाता है. ताकि वोटों की गिनती से जुड़ी किसी तरह की शिकायतों के निष्पादन के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सके. साथ ही बैलट बॉक्स से मतदान कराने की स्थिति में मतदाताओं की संख्या से 10% अधिक बैलेट पेपर की छपाई भी कराई जाएगी.
आपसी सहमति से निर्णय करने का निर्देश
हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग अभी तक आश्वस्त है कि जल्द ही भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ईवीएम के जरिए पंचायत चुनाव कराने पर सहमति दे दी जाएगी.गौरतलब है कि पिछले पंचायत चुनाव में 1 लाख 19 हजार मतदान केंद्र बनाए गए थे. जिनमें बैलट बॉक्स के जरिए मतदान कराया गया था.
वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश
हालांकि अभी ईवीएम या बैलेट से चुनाव होगा यह साफ नहीं हो पाया है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जिलों को कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया है. लेकिन विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सभी जिलों के डीएम को ईवीएम से चुनाव नहीं होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी करने को कहा गया है. राज्य में 2 लाख 90 हजार पदों के लिए इस बार पंचायत चुनाव होने हैं.