पटनाः बिहार के औरंगाबाद में मिली मूर्तियों व अन्य पुरातत्विक महत्त्व की सामग्रियों (Archaeological material recovered in Aurangabad) के रख-रखाव और संरक्षण को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. बता दें कि जिले के नाउरगढ़ में स्टेडियम निर्माण के दौरान खुदाई में पुरातत्विक मूर्ति बरामद की गई थी. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने अवधेश पाण्डेय की जनहित पर सुनवाई की.
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अतिक्रमण हटाने की कार्रवाईः मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से की गयी कार्रवाई रिपोर्ट पर कोर्ट ने संतोष व्यक्त करते हुए निष्पादित कर दिया. राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया कि उक्त क्षेत्र में हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गयी है. कोर्ट को बताया गया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है.
ऐतिहासिक महत्त्व की सामग्रियां बरामदः सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि ऐतिहासिक महत्त्व की मूर्तियां व धरोहरों को संरक्षित करने की पूरी व्यवस्था की जा रही है. इन्हें सही ढंग से रखने और संरक्षण की पूरी व्यवस्था की जा रही है. पूर्व की सुनवाइयों में याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जिले के नाउरागढ़ में भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई के दौरान बड़ी तादाद में मूर्तियां व अन्य ऐतिहासिक महत्त्व की सामग्रियां प्राप्त हुई थी.
स्टेडियम निर्माण पर रोक लगी हैः याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि बरामद मुर्तियां और ऐतिहासिक महत्त्व की सामग्रियों का उचित ढंग से रख रखाव और संरक्षण नहीं किया जा रहा है. इस प्रकार के महत्त्व की मूर्तियां और ऐतिहासिक महत्त्व धरोहरों की उपेक्षा की जा रही है. अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस तरह की पुरातत्विक महत्त्व और ऐतिहासिक मूर्तियों और अन्य सामग्रियों को निकाला गया. स्टेडियम निर्माण पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी.