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'अवैध ढंग से बने हैं राजीवनगर- नेपालीनगर में मकान'- बिहार राज्य आवस बोर्ड ने हाईकोर्ट में रखा पक्ष

पटना हाई कोर्ट में राजीवनगर और नेपालीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण (Rajeev Nagar nepali Nagar Encroachment Case) हटाने के मामले में सुनवाई हुई. इस मामले में बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से वरीय अधिवक्ता ने बहस की. उन्होंने कोर्ट को बताया कि जो भी मकान इन इलाकों में बने हैं वो अवैध ढंग से बने हैं.

Patna High Court
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Published : Aug 11, 2022, 7:15 PM IST

Updated : Aug 11, 2022, 7:40 PM IST

पटना: हाई कोर्ट में पटना के राजीवनगर-नेपालीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामले पर सुनवाई (Patna High Court Hearing ) 16 अगस्त 2022 को फिर सुनवाई की जाएगी. जस्टिस संदीप कुमार (Justice Sandeep Kumar) इस मामले पर सुनवाई कर रहे हैं. गुरुवार को कोर्ट में बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने बहस की. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जो भी मकान बने हैं, उनका निर्माण वैध ढंग से नहीं किया गया है.

ये भी पढ़ें- बिहार के हवाई अड्डों में सुधार के मामले में पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, राज्य सरकार से मांगा जवाब

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि नागरिकों के अधिकार के बिना कोर्ट कोई आदेश नहीं दे सकता हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि आवास बोर्ड ने जो भी नियमों के उल्लंघन कर मकान बने हैं, उन्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया, लेकिन वे आवास बोर्ड के समक्ष नहीं आए. इससे पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने पक्ष प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया था कि ये मामला सुनवाई योग्य नहीं हैं. साथ ही उनका कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता है.

पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता का पक्ष प्रस्तुत करते हुए वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी ने कोर्ट को बताया था कि इस क्षेत्र से इस तरह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सही नहीं है. उन्होंने कहा कि को-ऑपरेटिव माफिया के साथ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि इस समस्या में इनकी भी बड़ी भागीदारी हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि लैण्ड सेटलमेंट स्कीम के तहत चार सौ एकड़ भूमि को अबतक घेरा नहीं गया है. इस मामले पर फिर सुनवाई 16अगस्त 2022 को होगी.

पटना: हाई कोर्ट में पटना के राजीवनगर-नेपालीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामले पर सुनवाई (Patna High Court Hearing ) 16 अगस्त 2022 को फिर सुनवाई की जाएगी. जस्टिस संदीप कुमार (Justice Sandeep Kumar) इस मामले पर सुनवाई कर रहे हैं. गुरुवार को कोर्ट में बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने बहस की. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जो भी मकान बने हैं, उनका निर्माण वैध ढंग से नहीं किया गया है.

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वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि नागरिकों के अधिकार के बिना कोर्ट कोई आदेश नहीं दे सकता हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि आवास बोर्ड ने जो भी नियमों के उल्लंघन कर मकान बने हैं, उन्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया, लेकिन वे आवास बोर्ड के समक्ष नहीं आए. इससे पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने पक्ष प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया था कि ये मामला सुनवाई योग्य नहीं हैं. साथ ही उनका कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता है.

पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता का पक्ष प्रस्तुत करते हुए वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी ने कोर्ट को बताया था कि इस क्षेत्र से इस तरह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सही नहीं है. उन्होंने कहा कि को-ऑपरेटिव माफिया के साथ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि इस समस्या में इनकी भी बड़ी भागीदारी हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि लैण्ड सेटलमेंट स्कीम के तहत चार सौ एकड़ भूमि को अबतक घेरा नहीं गया है. इस मामले पर फिर सुनवाई 16अगस्त 2022 को होगी.

Last Updated : Aug 11, 2022, 7:40 PM IST
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