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Patna High Court : अनुसूचित जाति आयोग व महिला आयोग के क्रियाशील नहीं होने पर हुई सुनवाई, 3 सप्ताह बाद होगी सुनवाई - चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन

अनुसूचित जाति आयोग व महिला आयोग के क्रियाशील नहीं होने पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की है. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए मोहलत मांगी है. अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी. पढ़ें पूरी खबर..

पटना हाइकोर्ट
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Published : Jun 23, 2023, 5:59 PM IST

पटना: पटना हाइकोर्ट ने बिहार में राज्य अनुसूचित जाति आयोग व महिला आयोग के क्रियाशील नहीं होने के मामले में राज्य सरकार की गयी कार्रवाईयों का ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने राजीव कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए मोहलत मांगी है. अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.

पढ़ें पूरी खबर: Patna High Court: राज्य अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग के क्रियाशील नहीं होने पर कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

राज्य अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग नहीं है क्रियाशील: याचिकाकर्ता राजीव कुमार के वकील विकास कुमार पंकज ने कोर्ट को बताया कि राज्य अनुसूचित जाति आयोग, जो मई 2016 से कई रिक्त पड़े हैं. राज्य महादलित आयोग, जो 2017 से कई पद रिक्त पड़े है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग है, जो 2018 से सभी पद रिक्त है. वह भी प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर रहा है. इसका खामियाजा आमलोगों को भुगतना पड़ रहा है.

सरकार के अधिवक्ता में मांगा समय: याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य महिला आयोग की स्थिति भी कोई अलग नहीं है. वहां भी नवम्बर 2020 से सभी पद रिक्त पड़े हैं. इस कारण महिलाओं की समस्यायों का समाधान नहीं हो पा रहा है. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने जवाब देने के 3 सप्ताह का वक्त मांगा है. कोर्ट ने इस अनुरोध को मंजूर करते हुए अगली सुनवाई तीन हफ्ते के बाद होगी.

25 अप्रैल को हुई थी सुनवाई: चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने राजीव कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग के क्रियाशील नहीं होने के मामले में राज्य सरकार से जबाव तलब किया है. इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने 25 अप्रैल को सुनवाई की थी.

पटना: पटना हाइकोर्ट ने बिहार में राज्य अनुसूचित जाति आयोग व महिला आयोग के क्रियाशील नहीं होने के मामले में राज्य सरकार की गयी कार्रवाईयों का ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने राजीव कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए मोहलत मांगी है. अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.

पढ़ें पूरी खबर: Patna High Court: राज्य अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग के क्रियाशील नहीं होने पर कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

राज्य अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग नहीं है क्रियाशील: याचिकाकर्ता राजीव कुमार के वकील विकास कुमार पंकज ने कोर्ट को बताया कि राज्य अनुसूचित जाति आयोग, जो मई 2016 से कई रिक्त पड़े हैं. राज्य महादलित आयोग, जो 2017 से कई पद रिक्त पड़े है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग है, जो 2018 से सभी पद रिक्त है. वह भी प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर रहा है. इसका खामियाजा आमलोगों को भुगतना पड़ रहा है.

सरकार के अधिवक्ता में मांगा समय: याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य महिला आयोग की स्थिति भी कोई अलग नहीं है. वहां भी नवम्बर 2020 से सभी पद रिक्त पड़े हैं. इस कारण महिलाओं की समस्यायों का समाधान नहीं हो पा रहा है. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने जवाब देने के 3 सप्ताह का वक्त मांगा है. कोर्ट ने इस अनुरोध को मंजूर करते हुए अगली सुनवाई तीन हफ्ते के बाद होगी.

25 अप्रैल को हुई थी सुनवाई: चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने राजीव कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग के क्रियाशील नहीं होने के मामले में राज्य सरकार से जबाव तलब किया है. इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने 25 अप्रैल को सुनवाई की थी.

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