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पटना हाईकोर्ट ने रेलवे चेयरमैन पर ठोंका जुर्माना, जवाब दाखिल नहीं करने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी

16 साल से अधूरे पड़े हाजीपुर सुगौली रेल लाइन प्रोजेक्ट (Hajipur Sugauli Rail Line Project) पर नाराजगी जाहिर करते हुए पटना हाईकोर्ट ने रेलवे से जवाब मांगा था. लेकिन जवाब नहीं देने पर कोर्ट ने रेलवे के चेयरमैन पर जुर्माना ठोक दिया. पढ़ें पूरी खबर

पटना हाईकोर्ट
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Published : Nov 5, 2022, 5:18 PM IST

पटना: हाईकोर्ट (Patna High Court ) ने हाजीपुर सुगौली रेल लाइन प्रोजेक्ट को पूरा किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर वर्चुअल रूप से सुनवाई करते हुए नई दिल्ली स्थित रेलवे के चेयरमैन पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड (Patna High Court fined Railway Chairman) लगाया. चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने राजीव रंजन सिंह की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस मामले में अभी तक जवाब दाखिल नहीं किये जाने पर नाराजगी जताते हुए ये जुर्माना लगाया.


ये भी पढ़ें-16 साल से अटकी हाजीपुर सुगौली रेल लाइन परियोजना पर पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

याचिकाकर्ता का कहना है कि विगत 16 वर्षों से भी ज्यादा समय से इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में इस कार्य हेतु जमीन अधिग्रहण में विलंब नहीं करने के लिए आदेश देने का आग्रह कोर्ट से किया है.

गौरतलब है कि पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर रेल मंडल में हाजीपुर सुगौली रेललाइन परियोजना की स्वीकृति रेल मंत्रालय से 2003-04 में मिली थी. इस प्रोजेक्ट में देरी होने का मुख्य कारण भूमि अधिग्रहण माना जा रहा है. 2005 से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई. रेलवे ने भूमि की लागत संबंधित जानकारी राज्य प्राधिकरण को समय पर दे दी थी. इसके बावजूद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में देरी हो रही है.

यही वजह है कि हाजीपुर-सुगौली रेललाइन परियोजना 16 साल में भी पूरी नहीं हो सकी है. 10 अलग-अलग स्थानों पर रैयतों की आपत्ति इसमें रोड़ा है. परियोजना पूरी होने से वैशाली, केसरिया, अरेराज और सुगौली के प्रसिद्ध बौद्ध स्थल कनेक्ट हो जाएंगे.

पटना: हाईकोर्ट (Patna High Court ) ने हाजीपुर सुगौली रेल लाइन प्रोजेक्ट को पूरा किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर वर्चुअल रूप से सुनवाई करते हुए नई दिल्ली स्थित रेलवे के चेयरमैन पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड (Patna High Court fined Railway Chairman) लगाया. चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने राजीव रंजन सिंह की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस मामले में अभी तक जवाब दाखिल नहीं किये जाने पर नाराजगी जताते हुए ये जुर्माना लगाया.


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याचिकाकर्ता का कहना है कि विगत 16 वर्षों से भी ज्यादा समय से इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में इस कार्य हेतु जमीन अधिग्रहण में विलंब नहीं करने के लिए आदेश देने का आग्रह कोर्ट से किया है.

गौरतलब है कि पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर रेल मंडल में हाजीपुर सुगौली रेललाइन परियोजना की स्वीकृति रेल मंत्रालय से 2003-04 में मिली थी. इस प्रोजेक्ट में देरी होने का मुख्य कारण भूमि अधिग्रहण माना जा रहा है. 2005 से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई. रेलवे ने भूमि की लागत संबंधित जानकारी राज्य प्राधिकरण को समय पर दे दी थी. इसके बावजूद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में देरी हो रही है.

यही वजह है कि हाजीपुर-सुगौली रेललाइन परियोजना 16 साल में भी पूरी नहीं हो सकी है. 10 अलग-अलग स्थानों पर रैयतों की आपत्ति इसमें रोड़ा है. परियोजना पूरी होने से वैशाली, केसरिया, अरेराज और सुगौली के प्रसिद्ध बौद्ध स्थल कनेक्ट हो जाएंगे.

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