पटना : हाइकोर्ट ने बिहार में लोकायुक्त व अन्य सदस्यों के रिक्त पदों को भरने से संबंधित दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है. विकास चन्द्र ऊर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई की.
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लोकायुक्त के पद खाली: याचिकाकर्ता विकास चंद्र ने कोर्ट को बताया कि लोकायुक्त व सदस्यों के पद रिक्त होने के कारण लोकायुक्त कार्यालय में सुनवाई नहीं हो रही है. इससे आम आदमी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि लोकायुक्त का पद 13 फरवरी 2022 और दो सदस्यों का पद 17 मई 2021 से रिक्त पड़े हैं.
क्या कहते हैं याचिकाकर्ता? : याचिकाकर्ता ने पटना हाईकोर्ट को बताया कि राज्य सरकार द्वारा इन रिक्त पदों को इतने दिनों तक नहीं भरा जाना उनकी उपेक्षापूर्ण रवैया दिखाता है. प्रावधानों के अनुसार इन पदों को राज्य सरकार द्वारा शीघ्र भरा जाना चाहिए. इस मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.
1973 में लोकायुक्त की स्थापनाः गौरलतब है कि बिहार में लोकायुक्त की स्थापना साल 1973 में की गई थी. इसकी स्थापना का उद्देश्य त्वरित न्याय दिलाने का था. लेकिन पद खाली रहने के चलते लोकायुक्त में सुनवाई नहीं होने से जिस उद्देश्य के लिए इसे बनाया गया उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है. लोकायुक्त में दो जज और एक सदस्य अन्य क्षेत्र से लिए जाते हैं. फिलहाल पटना हाईकोर्ट के पूर्व जज मिहिर कुमार और कीर्ति चंद्र साहा 17 मई साल 2021 से ही रिटायर हो चुके हैं. तब से ये पद खाली पड़ा हुआ है.