पटना : बिहार की पटना हाई कोर्ट ने 1980 के बाद शिक्षकों की नियुक्ति में बरती गई अनियमितताओं से संबंधित मामलें पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने शमीमा खातून व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रखा है. गौरतलब है कि पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई के एसपी को जांच संबंधित समस्त रिकॉर्ड को लेकर कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया था.
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1980 में राजकीय विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति का मामला : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पुरुषोत्तम कुमार झा ने कोर्ट को बताया था कि यह मामला 1980 के बाद राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित है. इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश से सीबीआई जांच प्रारम्भ की गई थी.
सीबीआई जांच को दी गई कोर्ट में चुनौती : याचिकाकर्ताओं ने सीबीआई जांच को चुनौती दी थी, जिसके आधार पर कई शिक्षकों को पद से हटा दिया गया था. साथ ही कई शिक्षकों की पेंशन को रोक दिया गया था. उन्होंने सीबीआई की जाच को चुनौती देते हुए कहा था कि सीबीआई ने मनमाने तरीके से एक जैसे पदस्थापित शिक्षकों में से कुछ को नियमित एवं कुछ को अनियमित करार दे दिया था.
सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित : कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस मसले पर जल्द ही निर्णय आ जाएगा. लेकिन इसपर फैसला आने से पहले लगभग सभी शिक्षक रिटायर हो गए. हालांकि ये फैसला अगर उनके पक्ष में आया तो उनकी रुकी हुई पेंशन फिर से मिलने लगेगी.