पटना: पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर के तुर्की स्थित एक संस्थान से 2012-13 सत्र में बीएड स्पेशल परीक्षा पास करने वाले सभी छात्रों को मूल प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश बीआर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय व सम्बन्धित अधिकारी को दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामलें में बड़ी संख्या में दायर याचिकायों पर सुनवाई की. कोर्ट ने एक माह के भीतर सभी पास छात्रों को प्रमाण पत्र देने का आदेश दिया हैं.
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पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: कोर्ट को बताया गया कि सत्र 2012-13 में बीएड स्पेशल परीक्षा के लिए परीक्षा फॉर्म जमा कराया गया. विश्वविद्यालय 12 अगस्त 2014 से होने वाली बीएड स्पेशल परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी की. मार्च 2015 में औपबंधिक प्रमाण पत्र जारी किया गया. जिसके आधार पर रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया में पंजीकृत कराया गया.
मूल प्रमाण पत्र के कारण परीक्षा नहीं ली गई: पंजीकरण के आधार पर सीटीईटी परीक्षा दे सफल घोषित हुई और नौकरी करने लगे. कुछ छात्र सरकारी तो कुछ प्राइवेट नौकरी में लग गये.उनका कहना था कि अन्य सत्रों के छात्रों का परीक्षा नहीं ली गई.वहीं विश्वविद्यालय का कहना था कि चांसलर से इस कोर्स की मंजूरी नहीं मिलने के कारण मूल प्रमाण पत्र और अन्य सत्रों का परीक्षा नहीं ली गई. उनका कहना था कि चांसलर कार्यालय को विश्वविद्यालय की ओर से इस कोर्स के मंजूरी के लिए भेजी गई रेगुलेशन अब तक लम्बित है.
बैठक निर्णय लेने का आदेश दिया: पटना हाईकोर्ट ने चांसलर कार्यालय को छह सप्ताह के भीतर रेगुलेशन पर बैठक कर निर्णय लेने का आदेश दिया. साथ ही आठ सप्ताह के भीतर विश्वविद्यालय को निर्णय से अवगत कराने का आदेश दिया. वहीं विश्वविद्यालय को एक माह के भीतर परीक्षा पास छात्रों को औपबंधिक प्रमाण पत्र पर मूल प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया.