पटनाः पटना हाईकोर्ट ने राज्य के स्टेडियमों के खस्ताहाल मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ़ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दी गयी कार्यवाही की रिपोर्ट पर संतोष व्यक्त करते हुए इस जनहित को निष्पादित कर दिया.
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राज्य सरकार की दलीलः कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि बिहार में खेलकूद को बढ़ावा देने हेतु सरकार 'मुख्यमंत्री खेल विकास योजना' के तहत राज्य के हर जिले में एक स्टेडियम तैयार कर रही है. साथ ही पटना स्थित राजेंद्र नगर में कभी ख्याति प्राप्त अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का स्टेडियम रहा मोइनुल हक मैदान की दयनीय स्थिति को भी सुधारने हेतु राज्य सरकार ने उस पूरे स्टेडियम को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को लीज पर देने का भी फैसला लिया है.
सरकार ने हलफनामा दायर कियाः इस संदर्भ में सारी जानकारी राज्य सरकार के कला, युवा एवं खेल संस्कृति विभाग के निदेशक ने हलफनामा दायर करते हुए हाई कोर्ट को बताया. इस मामले में जब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया, तो खेल युवा एवं संस्कृति विभाग की तरफ से निदेशक ने एक विस्तृत हलफनामा दायर किया गया. कोर्ट को इस योजना के सम्बन्ध में पूरे बिहार में खेलकूद को बढ़ावा देने हेतु और उसके लिए एक मैदान हर जिले में सुनिश्चित किया जाना है. साथ ही साथ उस स्टेडियम अथवा मैदान का रोजाना देखरेख रखरखाव हो इसके लिए भी समुचित प्रबंध होगा.
पशु चिकित्सालयों में चौबीस घंटे चिकित्सा सुविधा मामले में सुनावईः पटना हाई कोर्ट ने राज्य के पशु चिकित्सालयों में चौबीस घंटे चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराए जाने को लेकर सुनवाई कल भी जारी रहेगी. जस्टिस पीबी बजंथरी की खंडपीठ ने इस अवमानना वाद पर सुनवाई की. पूर्व में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के पशु पालन विभाग के निदेशक को संबंधित रिकॉर्ड के साथ आगामी 23 जून,2023 को उपस्थित होने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की अवमानना वाद पर सुनवाई करते हुए निदेशक को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी थी. बता दें कि कोर्ट को राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2016 में ही 24 घंटे पशु चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने का अश्वासन दिया था.