पटना: राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर (Advocate General Lalit Kishore) के पद पर बने रहने को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई पूरी हो गयी है. फैसला सुरक्षित रख लिया गया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने अधिवक्ता दिनेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई की.
ये भी पढ़ें: सफाई कर्मियों के हड़ताल मामले पर अब पटना हाईकोर्ट में कल होगी सुनवाई, कोर्ट ने सरकार से पूछा ये सवाल
याचिका में कहा गया था कि महाधिवक्ता भारत के संविधान के अनुच्छेद 165(3) के विरुद्ध राज्य सरकार के महाधिवक्ता के पद पर बने हुए है. याचिका में यह कहा गया है कि नियमानुसार राज्य में नई सरकार के गठन के साथ ही राज्यपाल द्वारा प्रक्रिया का पालन करते हुए राज्य के महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त करना चाहिए. वर्तमान महाधिवक्ता की नियुक्ति जुलाई, 2017 में की गई थी.
नवंबर 2020 में राज्य में नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद न तो वर्तमान महाधिवक्ता के नाम या किसी अन्य व्यक्ति का नाम महाधिवक्ता के पद पर नियुक्ति को लेकर राज्यपाल द्वारा कोई अधिसूचना जारी की गई है. इसलिए वर्तमान महाधिवक्ता का अपने पद पर बने रहना भारत के संविधान के अनुच्छेद 165 के खिलाफ है.
ये भी पढ़ें: पटना HC में लोक अदालत का आयोजन, 362 मामलों पर हुई सुनवाई
याचिकाकर्ता ने स्पष्ट किया कि याचिका दायर करने के पीछे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसका कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं है, बल्कि यह याचिका जनहित में दायर की गई है. राज्य सरकार की तरफ से सुनवाई में भाग लेते हुए अपर महाधिवक्ता पी एन शाही ने इस याचिका का विरोध किया.
ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट में जेलों में कार्यरत लिपिकों के कार्यों को लेकर याचिका दायर