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पटना हाईकोर्ट से बिहार सरकार को झटका, JE भर्ती रिजल्ट रद्द

बिहार तकनीकी सेवा आयोग की ओर से कनीय अभियंता पद के लिए जारी रिजल्ट (Junior Engineer Recruitment Result) को पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. बीटीएससी की ओर से लगभग 6400 पदों के लिए 3 अप्रैल को रिजल्ट जारी किया गया था. हाईकोर्ट ने फिर से मेरिट लिस्ट तैयार कर रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है. पढ़िए पूरी खबर...

JE भर्ती रिजल्ट रद्द
JE भर्ती रिजल्ट रद्द
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Published : Apr 19, 2022, 7:03 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग की ओर से कनीय अभियंता पद के लिए जारी रिजल्ट को (Patna High Court Cancels Junior Engineer Recruitment Result) कैंसिल कर दिया है. बीटीएससी की ओर से लगभग 6400 पदों के लिए 3 अप्रैल को रिजल्ट जारी किया गया था. इस रिजल्ट में सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थान से सिविल डिप्लोमाधारियों को 40 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया गया था. विनीत कुमार और अन्य की ओर से दायर याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया है.

ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट ने दिया संविदा पर नियुक्त अमीनों को न्यूनतम वेतनमान देने का आदेश

दोबारा मेरिट लिस्ट तैयार कर रिजल्ट जारी करने का आदेश: बता दें कि कोर्ट ने विज्ञापन संख्या 01/ 2019 के अंतर्गत निकाले गए सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से संचालित पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमा पास किए अभ्यर्थियों को चालीस फीसदी आरक्षण देना ठीक नहीं था. खंडपीठ ने फिर से मेरिट लिस्ट तैयार कर रिजल्ट देने का आदेश दिया है. इस विज्ञापन के तहत 6379 कनीय अभियंता (असैनिक/ यांत्रिक/ विद्धुत ) की बहाली होनी थी.


बीटीएससी ने 2019 में निकाली थी बहाली: वहीं, याचिककर्ता की वरीय अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने बताया कि इस प्रकार से बनाया गया नियम भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 (4) का उल्लंघन है. साथ ही साथ भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए जीविका के अधिकार को भी प्रभावित करता है. याचिका में ये कहा गया कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग ने 8 मार्च 2019 को निकाले गए विज्ञापन संख्या 01/2019 के क्लॉज़ 4 (iv) को रद्द किया जाए.
ये भी पढ़ें: मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर की गिरफ्तारी पर पटना हाईकोर्ट ने लगायी रोक

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पटना: पटना हाईकोर्ट ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग की ओर से कनीय अभियंता पद के लिए जारी रिजल्ट को (Patna High Court Cancels Junior Engineer Recruitment Result) कैंसिल कर दिया है. बीटीएससी की ओर से लगभग 6400 पदों के लिए 3 अप्रैल को रिजल्ट जारी किया गया था. इस रिजल्ट में सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थान से सिविल डिप्लोमाधारियों को 40 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया गया था. विनीत कुमार और अन्य की ओर से दायर याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया है.

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दोबारा मेरिट लिस्ट तैयार कर रिजल्ट जारी करने का आदेश: बता दें कि कोर्ट ने विज्ञापन संख्या 01/ 2019 के अंतर्गत निकाले गए सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से संचालित पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमा पास किए अभ्यर्थियों को चालीस फीसदी आरक्षण देना ठीक नहीं था. खंडपीठ ने फिर से मेरिट लिस्ट तैयार कर रिजल्ट देने का आदेश दिया है. इस विज्ञापन के तहत 6379 कनीय अभियंता (असैनिक/ यांत्रिक/ विद्धुत ) की बहाली होनी थी.


बीटीएससी ने 2019 में निकाली थी बहाली: वहीं, याचिककर्ता की वरीय अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने बताया कि इस प्रकार से बनाया गया नियम भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 (4) का उल्लंघन है. साथ ही साथ भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए जीविका के अधिकार को भी प्रभावित करता है. याचिका में ये कहा गया कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग ने 8 मार्च 2019 को निकाले गए विज्ञापन संख्या 01/2019 के क्लॉज़ 4 (iv) को रद्द किया जाए.
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