पटनाः बिहार में राष्ट्रीय राजमार्गों से संबंधित कई मामलों की पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने समीक्षा एवं सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि हाजीपुर के रामाशीष चौक से बस स्टैंड और टेम्पो स्टैंड का अवैध कब्जा हटा दिया गया है.
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इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग की भूमि पर स्थित पुलिस बिल्डिंग को खाली करा दी गई है. उसका कुछ हिस्सा तोड़ भी दिया गया है. कोर्ट को बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा ठेकेदार की नियुक्ति कर सड़क बनाने एवं विकास का कार्य शुरू किया जा रहा है. सुनवाई के दौरान मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी भी जुड़े हुए थे.
उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर बाईपास के लिए जमीन से एक हफ्ते के अंदर सभी अवैध अतिक्रमण भी हटा दिया जाएगा. इसके बाद हाजीपुर से मुजफ्फरपुर तक का मार्ग बहुत आसान हो जाएगा.
सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण करने हेतु सारा पैसा भारत सरकार से आता है. साथ ही सड़क निर्माण में पैसा भारत सरकार का लगता है एवं राज्य सरकार के पदाधिकारियों को सिर्फ भूमि अधिग्रहण करने का काम करना होता है.
इतनी देर इस काम में क्यों लगायी जाती है. जिससे ये सड़क परियोजना को पूरा होने में कई साल लग जाते हैं. यह कहीं से सही नहीं है. एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए औरंगाबाद से शुरू होकर दरभंगा तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के जमीन अधिग्रहण से संबंधित मामले में आज जिलाधिकारियों द्वारा अंडरटेकिंग नहीं दी गई है. इसके लिए कुछ समय की मांग की गई है.
कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग के वकील एसडी संजय से यह जानकारी मांगी है कि अब तक भारत सरकार द्वारा पिछले एक वर्षों में कितना पैसा सिर्फ जमीन अधिग्रहण के लिए बिहार सरकार को जमा किया गया है. इसकी जानकारी दें. इस मामले पर अगली सुनवाई एक हफ्ते के बाद होगी.
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