पटना : बिहार के पटना में H3N2 इनफ्लुएंजा वायरस स्वास्थ्य महकमा (Health department alert regarding H3N2) अलर्ट हो गया है. पटना जिला अधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि H3N2 इनफ्लुएंजा वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. जिले के अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. इस प्रकार के लक्षण से ग्रसित व्यक्तियों का बेहतर ट्रीटमेंट करने का निर्देश है. अभी जिले में एक भी मामला नहीं है. ऐसे में इसको लेकर अधिक पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है.
ये भी पढ़ें : H3N2 Influenza Virus: पटना एम्स में 30 बेड का वार्ड तैयार, मरीज मिलते ही हो जाएगा एक्टिवेट
वायरल से संक्रमित हैं लोगों से न मिले: पटना जिला अधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि जरूरी है कि जो लोग इस समय वायरल से संक्रमित हैं. वह कोरोना के समय के नियम का पालन करें. चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें और खुद को आइसोलेट करें. अधिक लोगों से ना मिले. इसके साथ ही हैंड हाइजीन पर ध्यान दें और आसपास साफ सफाई रखें.
"H3N2 इनफ्लुएंजा वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. जिले के अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. अभी जिले में एक भी मामला नहीं है ऐसे में इसको लेकर अधिक पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है. जरूरी है कि जो लोग इस समय वायरल से संक्रमित हैं वे चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें और खुद को आइसोलेट करें. अधिक लोगों से ना मिले इसके साथ ही हैंड हाइजीन पर ध्यान दें और आसपास साफ सफाई रखें." -डॉ चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना
इनफ्लुएंजा वायरस का स्ट्रेन है: पटना के न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि H3N2 इनफ्लुएंजा वायरस एक प्रकार की इनफ्लुएंजा वायरस का स्ट्रेन है. यह कोई एकदम से नया वायरस नहीं है. हर साल इस मौसम में हल्की-फुल्की इन्फेक्शन इस प्रकार के वायरस के द्वारा होते हैं. यह एक हल्का वायरस है और इसकी गंभीरता अधिक नहीं है. साथ ही साथ इससे मोर्टिलिटी भी अधिक नहीं है.
चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें : उन्होंने कहा कि जो लोग इम्यूनोसप्रेशन के दौर से गुजर रहे हैं. जो ऑर्गन ट्रांसप्लांट कर आए हुए हैं या फिर कोमोरबिडिटी के शिकार हैं. उनके लिए ऐसे इनफ्लुएंजा वायरस जानलेवा हो सकते हैं या गंभीर रूप से उन्हें परेशान कर सकते हैं. ऐसे में इस स्थिति में भी जो लोग हल्की खांसी, बुखार, छींक इत्यादि लक्षणों से प्रभावित हैं. वह लोग कोरोना के समय के नियमों को पालन करें. यानी लक्षण दिखने पर खुद को आइसोलेट करें चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें और हैंड हाइजीन पर विशेष ध्यान दें.