पटना: सोमवार को पटना हाई कोर्ट ने कई मामलों में सुनवाई की. पहले मामले में हाई कोर्ट ने पटना समेत राज्य के अन्य म्यूजियमों में रखे बहुमूल्य धरोहरों की लगातार हो रही चोरी के मामले पर सुनवाई की. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार समेत अन्य अधिकारियों से जवाब तलब किया.
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विकास चंद्र की जनहित याचिका पर सुनवाई की. दरअसल, कोर्ट को बताया गया कि राज्य के म्यूजियम में अधिकारियों और कर्मचारियों के विभिन्न स्तरों पर बड़ी संख्या में पद रिक्त पड़े हैं. जिस कारण इन म्यूजियमों का रख रखाव सही ढंग से नहीं हो पा रहा है. मामले पर अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद की जाएगी.
अतिक्रमण को लेकर हाई कोर्ट सख्त
दूसरे मामले में पटना हाई कोर्ट ने कोसी प्रमंडल में वॉटर बॉडी पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने सभी अंचल अधिकारियों को कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. रामपुनीत चौधरी की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की.
अगली सुनवाई 28 फरवरी को
सोमवार को सुनवाई के दौरान पूर्णिया प्रमंडल के अंचल अधिकारियों ने अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्यौरा दिया. कोर्ट ने बचे अतिक्रमण हटाने के लिए उन्हें 2 महीने का समय दिया है. मामले पर अगली सुनवाई 28 फरवरी को की जायेगी.
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कोर्ट ने रजिस्ट्रार को किया तलब
अन्य मामले में पटना हाई कोर्ट ने पटना यूनिवर्सिटी और एनआईटी में अतिक्रमण हटाने के बाद फिर से हो रहे अतिक्रमण मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने पटना यूनिवर्सिटी और एनआईटी के रजिस्ट्रार को तलब किया हैं. विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की.
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25 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
दरअसल, कोर्ट को बताया गया कि यूनिवर्सिटी और एनआईटी से अतिक्रमण हटाने के बाद दोबारा अतिक्रमण कर लिया गया है. लेकिन, अब तक इन अतिक्रमण को हटाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. एनआईटी, पटना लॉ कॉलेज के पास है. गोलकपुर क्षेत्र में 3 एकड़ भूमि पर अवैध अतिक्रमण का मामला है. इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी 25 फरवरी को की जाएगी.