पटना: सूबे में राज्य सरकार और नगर निगमों के बीच संबंधों पर पटना हाईकोर्ट ने कहा कि इनके बीच शक्ति में काफी असंतुलन दिखता है. एडवोकेट मयूरी की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम के आय के स्रोतों का ब्यौरा (Tabular Form) में पेश करने का निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता मयूरी ने कहा कि नगर निगमों की वित्तीय स्थिति काफी दयनीय है और उन्हें राज्य सरकार की कृपा पर निर्भर रहना पड़ता है. कोर्ट ने कहा कि क्या मेयर और पार्षद अपने अधिकार और शक्ति का उपयोग आम जनता के विकास के लिए नहीं करते हैं. राज्य सरकार और स्थानीय निकायों के बीच संबंधों में सही संतुलन की जरूरत है.
22 दिसंबर को अगली सुनवाई
आम जनता की बुनियादी सुविधाओं, यथा, सड़क, बिजली, पेयजल आदि की प्राथमिकता के आधार उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है. इस मामले पर कोर्ट ने पटना नगर निगम के आयुक्त को विस्तृत रिपोर्ट अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी.