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सचमुच आप भगवान हैं, पटना के डॉक्टरों ने बिना चीरा लगाए निकाल दी छाती में फंसी गोली - Records Of Doctors In Patna

Records Of Doctors In Patna: डॉक्टर को भगवान का रूप होते हैं.क्योंकि डॉक्टर का काम ही दूसरों की जान बचाना. किसी की जान लेना तो आसान है, लेकिन किसी को जीवन देना बहुत मुश्किल. पटना के डॉक्टरों ने जमुई के चालीस वर्षीय पवन कुमार साव के लिए भगवान के रूप में आये. सीने में फंसी गोली को बिना सर्जरी के निकाल कर उसकी जान बचाई है. पढ़ें पूरी खबर.

पटना में डॉक्टरों ने किया आपरेशन
पटना में डॉक्टरों ने किया आपरेशन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 22, 2023, 10:36 PM IST

पटना: राजधानी पटना में चिकित्सकों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. मरीज के सीने में फंसी गोली को बिना सर्जरी के निकाल कर मरीज की जान बचाई है. पटना के फोर्ड हॉस्पिटल में छाती में गोली लगने के बाद जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे मरीज की जान बचाई गई है. आश्चर्य है कि बिना चिरा लगाए हुए मरीज के शरीर से गोली निकाली गई है. लेप्रोस्कोपी की मदद से गोली निकालकर फोर्ड हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया.

पटना में बिना चीरा लगाए निकाल दी गोली: जमुई के चालीस वर्षीय पवन कुमार साव को छाती के ब्रैस्ट बोन के निचले हिस्से में गोली लग गयी थी. बहुत अधिक पीड़ा और जान जाने की जोखिम की स्थिति में उसे फोर्ड हॉस्पिटल में पटना लाया गया. यहां जांच में पता चला कि गोली बाएं फेफड़े और डायफ्राम के बीच में फंस गई है. गोली की अवस्थिति सीटी स्कैन के माध्यम से पुष्ट की गई.

छाती के निचले हिस्से में फंसी थी गोली: अमूमन ऐसी परिस्थिति में एक बड़े ऑपरेशन के द्वारा छाती खोलकर ही गोली को निकाला जा सकता है. परन्तु फोर्ड हॉस्पिटल के वरिष्ट लेप्रोस्कोपिक सर्जन सह निदेशक डॉ. संतोष कुमार के नेतृत्व में वरीय सर्जन डॉ. आलोक कुमार, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. नीतेश कुमार, चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. विनय कृष्ण की टीम द्वारा मरीज का मिनिमल इनवेसिव तकनीक से सफल ऑपरेशन करके उसकी छाती के निचले हिस्से से गोली निकाल दी गई. लेप्रोस्कोपी के जरिए गोली निकालने का यह एक नया कीर्तिमान है.

लेप्रोस्कोपी की मदद से ऑपरेशन: इस ऑपरेशन में लेप्रोस्कोपी की मदद ली गयी. जिसमें बाईं छाती में 5 मिलीमीटर के दो बेहद छोटे-छोटे छेदों के जरिए गोली को बाहर निकाल लिया गया. ऑपरेशन के बाद मरीज का बहुत तेजी से प्रगति हो रहा है. डॉक्टरों का विश्वास है कि मरीज बहुत जल्दी सामान्य हो जाएगा. यह अपने आप में एक अनोखी सर्जरी है क्योंकि सीने में लगे गोली को बिना गंभीर सर्जरी के निकाल कर मरीज की जान बचाई गई है.

पटना: राजधानी पटना में चिकित्सकों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. मरीज के सीने में फंसी गोली को बिना सर्जरी के निकाल कर मरीज की जान बचाई है. पटना के फोर्ड हॉस्पिटल में छाती में गोली लगने के बाद जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे मरीज की जान बचाई गई है. आश्चर्य है कि बिना चिरा लगाए हुए मरीज के शरीर से गोली निकाली गई है. लेप्रोस्कोपी की मदद से गोली निकालकर फोर्ड हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया.

पटना में बिना चीरा लगाए निकाल दी गोली: जमुई के चालीस वर्षीय पवन कुमार साव को छाती के ब्रैस्ट बोन के निचले हिस्से में गोली लग गयी थी. बहुत अधिक पीड़ा और जान जाने की जोखिम की स्थिति में उसे फोर्ड हॉस्पिटल में पटना लाया गया. यहां जांच में पता चला कि गोली बाएं फेफड़े और डायफ्राम के बीच में फंस गई है. गोली की अवस्थिति सीटी स्कैन के माध्यम से पुष्ट की गई.

छाती के निचले हिस्से में फंसी थी गोली: अमूमन ऐसी परिस्थिति में एक बड़े ऑपरेशन के द्वारा छाती खोलकर ही गोली को निकाला जा सकता है. परन्तु फोर्ड हॉस्पिटल के वरिष्ट लेप्रोस्कोपिक सर्जन सह निदेशक डॉ. संतोष कुमार के नेतृत्व में वरीय सर्जन डॉ. आलोक कुमार, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. नीतेश कुमार, चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. विनय कृष्ण की टीम द्वारा मरीज का मिनिमल इनवेसिव तकनीक से सफल ऑपरेशन करके उसकी छाती के निचले हिस्से से गोली निकाल दी गई. लेप्रोस्कोपी के जरिए गोली निकालने का यह एक नया कीर्तिमान है.

लेप्रोस्कोपी की मदद से ऑपरेशन: इस ऑपरेशन में लेप्रोस्कोपी की मदद ली गयी. जिसमें बाईं छाती में 5 मिलीमीटर के दो बेहद छोटे-छोटे छेदों के जरिए गोली को बाहर निकाल लिया गया. ऑपरेशन के बाद मरीज का बहुत तेजी से प्रगति हो रहा है. डॉक्टरों का विश्वास है कि मरीज बहुत जल्दी सामान्य हो जाएगा. यह अपने आप में एक अनोखी सर्जरी है क्योंकि सीने में लगे गोली को बिना गंभीर सर्जरी के निकाल कर मरीज की जान बचाई गई है.

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