पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान में महागठबंधन के तमाम नेताओं ने एक साथ प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व मंत्री मदन मोहन झा और वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी समेत सीपीआई, सीपीएम के नेता मौजूद रहे. वहीं, अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन पर उतरे नेताओं ने जब ज्ञापन डीएम को सौंपना चाहा, तो वो मजिस्ट्रेट को जिम्मेदारी सौंप दफ्तर से चले गए.
महागठबंधन ने कई मुद्दों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि पटना डीएम एक मजिस्ट्रेट को जिम्मेवारी सौंप कर दफ्तर से बाहर चले गए हैं. पटना डीएम का इस तरह का रवैया घोर निंदनीय है. मांझी ने कहा कि जब पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मंत्री सहित कई बड़े नेता अपना ज्ञापन लेकर उनके पास पहुंचे, तो उन्हें ज्ञापन लेने के लिए दफ्तर में मौजूद रहना चाहिए था.
नीतीश कुमार पर साधा निशाना
मांझी ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे सीएम की कार्यप्रणाली का पता चलता है. मांझी ने कहा कि ऐसा बिना विकल्प के करना गलत है. डीएम के ज्ञापन न लेने को पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने इसे लोकतंत्र का अपमान बताया है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन तो आता-जाता रहेगा. लेकिन, अगर कोई भी व्यक्ति या व्यक्ति का समूह किसी अधिकारी के पास किसी तरह की शिकायत लेकर पहुंचता है, तो उस अधिकारी को उसकी बात सुननी चाहिए. लेकिन जिस तरह से नीतीश कुमार के अधिकारी मुख्यमंत्री पूर्व केंद्रीय मंत्री सहित कई महत्वपूर्ण लोगों की भी बात नहीं सुन रहे, तो आम जनता का क्या हाल होगा. यह समझना बहुत मुश्किल नहीं है.