पटना: प्रमंडलीय आयुक्त पटना संजय कुमार अग्रवाल ने डीएम नगर आयुक्त एसपी ट्रैफिक सहित उच्चाधिकारियों की टीम के साथ बोरिंग रोड में जिला प्रशासन द्वारा संचालित अतिक्रमण हटाओ अभियान में शामिल हुए. उन्होंने बोरिंग रोड पर वाहनों के परिचालन में बाधक बने संरचनाओं को हटाने का सख्त निर्देश दिया.
अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत बोरिंग रोड के सड़क का चौड़ीकरण करने और फुटपाथ के निर्माण करने और आवश्यकतानुसार उसे अतिक्रमण मुक्त बनाने हेतु अपेक्षित कार्रवाई करने का निर्देश पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को दिया. इसके लिए बोरिंग रोड चौराहा से पानी टंकी तक के भाग की मापी कर चिन्हित करने और 2 दिनों के भीतर रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया. आयुक्त ने पानी टंकी मोड़ के पश्चिम स्थित नगर निगम के जमीन पर पार्किंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. इसके लिए जमीन की मापी और नक्शा बनाकर समुचित रूप से प्लानिंग करने का निर्देश दिया. ताकि वृहत रूप में पार्किंग की व्यवस्था किया जा सके.
अतिक्रमण हटाने का दिया गया सख्त निर्देश
अतिक्रमण हटाने के क्रम में सड़क पर अधिष्ठापित ट्रांसफार्मर, विद्युत पोल, यूनीपोल, मलवा, को अविलंब हटाने का निर्देश दिया गया. ताकि सड़क पर ट्रैफिक की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित किया जा सके. साथ ही दुकान के आगे अवैध पार्किंग करने तथा कूड़ा करकट लगाए रखने के कारण दुकान को बंद करने का भी निर्देश दिया गया. इस क्रम में बोरिंग रोड स्थित मुफ्ती शोरूम को बंद करने का निर्देश दिया गया. इसके अतिरिक्त अतिक्रमण हटाने के क्रम में सड़क पर की गई अवैध पार्किंग और दुकान को सड़क की ओर अवैध ढ़ंग से बढ़ाए रखने के आरोप में जुर्माना की कार्रवाई की गई है.
वाहन चेकिंग के दौरान वसूला गया जुर्माना
इसके अतिरिक्त अनिसाबाद गोलंबर, हड़ताली मोड़, सगुना मोड़ और कारगिल चौक पर वाहन चेकिंग का सघन अभियान चलाया गया. इसके तहत कुल 34 वाहन से 10 हजार 26 सौ की जुर्माना राशि की वसूली की गई. आयुक्त ने वाहन जांच के अभियान में तेजी लाने तथा मोटर वाहन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. लोगों को अतिक्रमण और जाम से मुक्ति दिलाने हेतु जिला प्रशासन सतत प्रयत्नशील है. इसके लिए थाना और नगर निगम के स्तर पर लगातार अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया जारी है. अतिक्रमण हटाने के उपरांत अगर उस स्थान पर पुन: अतिक्रमण होती है तो वैसी स्थिति में संबंधित थाना और नगर निगम के कर्मी सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे.