पटना: लोकसभा के सांतवे चरण चुनाव में प्रदेश के हाईप्रोफाइल सीटों में पाटलिपुत्र खास है. इस सीट से एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों का संबंध कहीं न कहीं लालू यादव से जु़ड़ा हैं. एक तरफ यहां से लालू यादव की बेटी मीसा भारती हैं. वहीं, कभी लालू यादव के करीबी माने जाने वाले राम कृपाल यादव एनडीए से हैं. दोनों जीत के लिए क्षेत्र में खूब पसीना बहा रहे हैं.
पाटलिपुत्र सीट से मीसा भारती और केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. लालू परिवार इस सीट को साख की लड़ाई मानकर लगातार कैंपेन कर रहा है. राबड़ी देवी, तेजप्रताप और तेजस्वी यादव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. मीसा भारती के लिए दिन-रात एक किये हैं. वहीं, बीजेपी ने रामकृपाल यादव के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी इस सीट पर जीत कर लालू परिवार पर दोहरा चोट देना चाहता है.
रामकृपाल यादव थे लालू के करीबी
रामकृपाल यादव कभी लालू यादव के करीबी माने जाते थें. रामकृपाल यादव आरजेडी के टिकट पर बिहार के विधान परिषद भी सदस्य रहे हैं. इसके साथ ही तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं. लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव में लालू यादव ने पाटलिपुत्र की सीट मीसा यादव को दे दी. इससे नाराज रामकृपाल यादव ने बीजेपी का हाथ थाम लिया. इस सीट से रामकृपाल यादव ने 2014 लोकसभा चुनाव में मीसा भारती को बीजेपी के टिकट से हराकर संसद पहंचे थे.
23 मई को होगा स्पष्ट
इस बार भी पाटलिपुत्र लालू यादव परिवार के लिए प्रतिष्ठा का सीट बनी हुई है. इस सीट पर जीत के लिए राजद और बीजेपी ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. पाटलिपुत्र सीट पर मीसा भारती और राम कृपाल यादव के ही बीच मुख्य टक्कर है. दोनों दल के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का परिचायक बन गया है. लेकिन यह तो 23 मई को ही पता चलेगा कि यहां से जीत का सेहरा किसके सिर चढ़ेगा.