पटना: प्रदेश में सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार जलजमाव के आगे बेबस नजर आ रही है. बारिश बंद हुए लगभग 24 घंटे बीत चुके हैं बावजूद अभी तक राजधानी डूबी हुई है. पटना के तमाम इलाके अभी भी जलमग्न हैं. रिहायशी इलाका कहा जाने वाला पाटलिपुत्र कॉलोनी अभी भी डूबी हुई है.
पाटलिपुत्र कॉलोनी में आवागमन बुरी तरह से बाधित है. लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. लोगों को घरों में पहले माले तक पानी भरा हुआ है. ज्यादातर लोग अभी भी घरों में कैद हैं. वहीं, अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज और उनके परिजनों को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
मरीज और परिजनों की बढ़ी परेशानी
मंगलवार को पाटलिपुत्र कॉलोनी में बने अस्पताल में तकरीबन 2 फीट तक पानी जमा दिखा. परिजन मरीज को स्ट्रेचर से खींचते दिखाई पड़े. स्ट्रेचर का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूबा नजर आया. हालात इस कदर खराब हैं कि लोगों के घरों में खाने-पीने की व्यवस्था नहीं है. पटनाइट्स जलकैदी बन गए हैं.
ये है मौजूदा हालात
गौरतलब है कि पटना के राजेंद्रनगर और कंकड़बाग इलाकों में अभी भी पांच से छह फीट पानी जमा है. लोगों का कहना है कि भले ही सरकार दावा कर रही है, लेकिन हालात सुधरने में बहुत दिन लग जाएंगे. इधर, राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार की टीमें पीने का पानी और खाद्य सामग्री वितरित कर रही हैं. बिजली आपूर्ति ठीक करने का काम भी तेजी से किया जा रहा है. पटना डीएम कुमार रवि ने बताया कि राजधानी के कई इलाकों में राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि टैंकरों से जलजमाव वाले क्षेत्रों में पानी पहुंचाया जा रहा है.