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बारिश बंद लेकिन कम नहीं हुई मुश्किलें, रिहायशी इलाकों में जमा है 5 से 6 फीट तक पानी - Patna Rain

पाटलिपुत्र कॉलोनी में आवागमन बुरी तरह से बाधित है. लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. लोगों को घरों में पहले माले तक पानी भरा हुआ है.

पाटलिपुत्र कॉलोनी की तस्वीर
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Published : Oct 1, 2019, 9:51 PM IST

पटना: प्रदेश में सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार जलजमाव के आगे बेबस नजर आ रही है. बारिश बंद हुए लगभग 24 घंटे बीत चुके हैं बावजूद अभी तक राजधानी डूबी हुई है. पटना के तमाम इलाके अभी भी जलमग्न हैं. रिहायशी इलाका कहा जाने वाला पाटलिपुत्र कॉलोनी अभी भी डूबी हुई है.

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आवागमन बाधित

पाटलिपुत्र कॉलोनी में आवागमन बुरी तरह से बाधित है. लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. लोगों को घरों में पहले माले तक पानी भरा हुआ है. ज्यादातर लोग अभी भी घरों में कैद हैं. वहीं, अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज और उनके परिजनों को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

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हालात बद से बदत्तर

मरीज और परिजनों की बढ़ी परेशानी
मंगलवार को पाटलिपुत्र कॉलोनी में बने अस्पताल में तकरीबन 2 फीट तक पानी जमा दिखा. परिजन मरीज को स्ट्रेचर से खींचते दिखाई पड़े. स्ट्रेचर का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूबा नजर आया. हालात इस कदर खराब हैं कि लोगों के घरों में खाने-पीने की व्यवस्था नहीं है. पटनाइट्स जलकैदी बन गए हैं.

ग्राउंड जीरो पर पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता

ये है मौजूदा हालात
गौरतलब है कि पटना के राजेंद्रनगर और कंकड़बाग इलाकों में अभी भी पांच से छह फीट पानी जमा है. लोगों का कहना है कि भले ही सरकार दावा कर रही है, लेकिन हालात सुधरने में बहुत दिन लग जाएंगे. इधर, राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार की टीमें पीने का पानी और खाद्य सामग्री वितरित कर रही हैं. बिजली आपूर्ति ठीक करने का काम भी तेजी से किया जा रहा है. पटना डीएम कुमार रवि ने बताया कि राजधानी के कई इलाकों में राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि टैंकरों से जलजमाव वाले क्षेत्रों में पानी पहुंचाया जा रहा है.

पटना: प्रदेश में सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार जलजमाव के आगे बेबस नजर आ रही है. बारिश बंद हुए लगभग 24 घंटे बीत चुके हैं बावजूद अभी तक राजधानी डूबी हुई है. पटना के तमाम इलाके अभी भी जलमग्न हैं. रिहायशी इलाका कहा जाने वाला पाटलिपुत्र कॉलोनी अभी भी डूबी हुई है.

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आवागमन बाधित

पाटलिपुत्र कॉलोनी में आवागमन बुरी तरह से बाधित है. लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. लोगों को घरों में पहले माले तक पानी भरा हुआ है. ज्यादातर लोग अभी भी घरों में कैद हैं. वहीं, अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज और उनके परिजनों को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

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हालात बद से बदत्तर

मरीज और परिजनों की बढ़ी परेशानी
मंगलवार को पाटलिपुत्र कॉलोनी में बने अस्पताल में तकरीबन 2 फीट तक पानी जमा दिखा. परिजन मरीज को स्ट्रेचर से खींचते दिखाई पड़े. स्ट्रेचर का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूबा नजर आया. हालात इस कदर खराब हैं कि लोगों के घरों में खाने-पीने की व्यवस्था नहीं है. पटनाइट्स जलकैदी बन गए हैं.

ग्राउंड जीरो पर पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता

ये है मौजूदा हालात
गौरतलब है कि पटना के राजेंद्रनगर और कंकड़बाग इलाकों में अभी भी पांच से छह फीट पानी जमा है. लोगों का कहना है कि भले ही सरकार दावा कर रही है, लेकिन हालात सुधरने में बहुत दिन लग जाएंगे. इधर, राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार की टीमें पीने का पानी और खाद्य सामग्री वितरित कर रही हैं. बिजली आपूर्ति ठीक करने का काम भी तेजी से किया जा रहा है. पटना डीएम कुमार रवि ने बताया कि राजधानी के कई इलाकों में राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि टैंकरों से जलजमाव वाले क्षेत्रों में पानी पहुंचाया जा रहा है.

Intro:सुशासन का दावा करने वाली सरकार बेबस नजर आ रही है 2 दिन बीत जाने के बाद भी पाटलिपुत्र कॉलोनी इलाका जलमग्न है कई अस्पतालों में पानी है लोग जान जोखिम में डालकर पेशेंट को स्ट्रेचर पर दूर हैंBody:राजधानी पटना का सबसे वीआईपी इलाका पाटलिपुत्र कॉलोनी माना जाता है इस इलाके में कई आम और खास लोग रहते हैं बारिश रुके हुए 2 दिन बीत गए लेकिन अब तक पाटलिपुत्र कॉलोनी पहुंचने के लिए सड़क मार्ग भी सुलभ नहीं है सड़कों पर पानी जमा है 90% मकान जल बग्न है लोगों ने अपना आशियाना पहले तल्ले पर बना कर रखा हैConclusion:आपको बता दें कि पाटलिपुत्र कॉलोनी इलाके में कई अस्पताल भी हैं बिहार के कोने-कोने से लोग अस्पताल में इलाज कराने पहुंचते हैं लेकिन इन दिनों अस्पताल खुद बीमार है और अस्पताल के अंदर 4 फीट तक पानी जमा है कमर भर से ज्यादा पानी इन इलाकों में है लेकिन बावजूद इसके लोग जान जोखिम में डालकर रास्तों पर चल रहे हैं स्ट्रेचर पर बकायदा पेशेंट को भी धोया जा रहा है
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