पटनाः कोरोना संकट के बाद 22 मार्च से पटना गया रेलखंड के नीमा हॉल्ट पर ट्रेनों का ठहराव बंद हुआ था, जो आज भी जारी है. इसका खामियाजा तकरीबन 20 गांव के लोगों के उठाना पड़ रहा है. ट्रेन से यात्रा करने के लिए मजबूरी में दो किलोमीटर दूर नदवां स्टेशन जाना पड़ता है. ग्रामीण भारतीय रेल (Indian Railway) के अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन के मूड में हैं.
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यात्रियों ने बताया कि एक हफ्ते पहले ही सभी हॉल्टों और स्टेशनों पर पैसेंजर ट्रेन का ठहराव का आदेश जारी कर दिया गया है. इसके बावजूद नीमा हॉल्ट पर पैंसेजर ट्रेन का ठहराव नहीं हो रहा है. रोजाना मजदूरी करने जाने वाले, कार्यालय जाने वालों के साथ-साथ स्कूल-कॉलेज जाने छात्र-छात्राओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. स्थानीय लोग आक्रोशित हैं, जिसको लेकर अब विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है.
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यात्रियों ने चेतावनी दी है कि अगर नीमा हॉल्ट पर सभी ट्रेनों का ठहराव नहीं होगा तो चक्का जाम कर देंगे. नीमा गांव के नंद शर्मा, संजय सिंह, अर्जुन सिंह, नरेश सिंह, गोरखा कुमार आदी लोगों ने बताया की 22 मार्च से ही ट्रेन का ठहराव बंद है. डीआरएम ने पिछले हफ्ते ही सभी पैसेंजर ट्रेनों के ठहराव की बात कही है, इसके बावजूद नीमा हॉल्ट पर ट्रेन नहीं रूक रही है. इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है, समय की बर्बादी के साथ-साथ आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. ग्रमीणों ने आगे कहा कि अगर जल्द सभी पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव नहीं होगा तो वे लोग चक्का जाम करेंगे.