पटना: राजधानी पटना में वर्तमान समय में लगभग दो हजार के करीब कोरोना के एक्टिव पेशेंट मौजूद है, जिसमें से बमुश्किल लगभग 100 के करीब ही राजधानी पटना के विभिन्न अस्पतालों में एडमिट है. 90 से 95 फीसदी कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में रह रहे हैं और इसमें से अधिकांश इंटरनेट पर कोरोना कीट दवाइयों की जानकारी लेकर खुद से ही अपना उपचार कर रहे हैं. ऐसे में बुखार के लिए लोग पैरासिटामोल का सेवन कर रहे हैं जो कई मरीजों में गंभीर स्थिति पैदा कर दे रही है. डॉक्टरों का कहना है कि बिना चिकित्सीय परामर्श के खुद से पैरासिटामोल का सेवन ना करें यह बहुत ही घातक हो सकता है.
आइसोलेशन वाले डॉक्टर से करें संपर्क
'अस्पताल में कई ऐसे होम आइसोलेशन वाले पेशेंट के मामले सामने आ चुके हैं कि स्थिति बिगड़ने पर मरीज हॉस्पिटल पहुंचता है और उसकी 24 घंटे के अंदर जान चली जाती है. अगर कोई कोरोना से संक्रमित होता है तो वह डॉक्टर से संपर्क करें. डॉक्टर पेशेंट का मेडिकल हिस्ट्री जानेंगे कि क्या वह डायबिटिज है, हाइपरटेंसिव है या फिर उसे अन्य कोई बीमारी की शिकायत है. जानकारी के मुताबिक वह दवा प्रिसक्राइब करेंगे.' - डॉ. अरुण अजय, पीएमसीएच कोविड-19 वार्ड के प्रभारी चिकित्सक
होम आइसोलेशन पेशेंट डॉक्टरों के परामर्श लेते रहे
'होम आइसोलेशन वाले पेशेंट में अभी के समय ब्रेन स्ट्रोक के काफी शिकायत देखने को मिल रहे हैं क्योंकि कोरोना से लंग्स में फाइब्रोसिस होता है और फाइब्रोसिस से क्लॉटिंग शुरू होता है और यह जब ब्लड में जाता है तो ब्लड क्लोट करना शुरू होता है. इस वजह से ब्रेन स्ट्रोक के मामले सामने आ रहे हैं. जहां होम आइसोलेशन वाले 0.1% पेशेंट में यह शिकायत देखने को मिल रही है. इस वजह से वह लोगों से कहना चाहेंगे कि होम आइसोलेशन वाले पेशेंट डॉक्टर से कंसल्ट करें, डॉक्टर ब्लड क्लोटिंग ना हो या फिर अन्य कोई साइड इफेक्ट ना नजर आए इसके लिए दवाइयां चलाते हैं. होम आइसोलेशन में एसिंप्टोमेटिक और कम सिम्टम्स के मरीज होते हैं. इसलिए वह डॉक्टरों के परामर्श लेते रहते हुए आसानी से कोविड-19 का उपचार कर सकते हैं.' -डॉ. अरुण अजय, पीएमसीएच कोविड-19 वार्ड के प्रभारी चिकित्सक
पैरासिटामोल का अधिक सेवन हो सकता है खतरनाक
'होम आइसोलेशन वाले पेशेंट अपना ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक करते रहें. अगर 92-93 से ऑक्सीजन सैचुरेशन नीचे आता है तो सीधे अस्पताल में आकर एडमिट हो, इसके अलावा अगर सांस लेने में तकलीफ होती है या फिर सीने में दर्द की शिकायत होती है तो डॉक्टर से संपर्क करें. वहीं होम आइसोलेशन में लोग पैरासिटामोल दवा का सेवन कर रहे हैं. जबकि पैरासिटामोल का अत्यधिक सेवन बहुत खतरनाक हो रहा है और पैरासिटामोल का सेवन करते समय लगातार डॉक्टरों से कंसल्ट करते रहें. जब जरूरी ना हो तो बिल्कुल पैरासिटामोल ना खाएं.' - डॉ. अरुण अजय, पीएमसीएच कोविड-19 वार्ड के प्रभारी चिकित्सक
सांस लेने में तकलीफ हो तो करें डॉक्टर से संपर्क
'अगर किसी कोरोना मरीज का लंग्स फैब्रोसीस हो रहा है और वह पैरासिटामोल खा रहा है तो उसे सीने में दर्द बिल्कुल भी महसूस नहीं होगा और अचानक से सांस लेने में तकलीफ बढ़ेगी और उसकी मृत्यु हो जाएगी. अस्पताल में ऐसे कई होम आइसोलेशन वाले पेशेंट के मामले सामने आ चुके हैं. पैरासिटामोल बुखार और दर्द दोनों के लिए इस्तेमाल होता है इसलिए अगर कोई पेशेंट को सीने में दर्द हो रही है और वह पैरासिटामोल खा रहा है तो उसे दर्द महसूस नहीं होगी. इसलिए सांस लेने में जरा भी तकलीफ महसूस हो तो सीधे अस्पताल आकर डॉक्टर से संपर्क करें और सीने का एचआरसीटी कराएं, ताकि फेफड़े की वर्तमान स्थिति पता हो सके.'- डॉ. अरुण अजय, पीएमसीएच कोविड-19 वार्ड के प्रभारी चिकित्सक
बताते चलें कि होम आइसोलेशन वाले पेशेंट में जिस प्रकार से यह शिकायत बढ़ी है कि स्वस्थ रहते हुए अचानक मरीज की मौत हो जा रही है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से जिलाधिकारी ने एक टीम का गठन किया है. यह टीम होम आइसोलेशन वाले पेशेंट के स्थिति का लगातार निरीक्षण करेगी और मरीज की तकलीफ बढ़ने पर वह अस्पताल में एडमिट हो यह सुनिश्चित करेगी.
इसके अलावा जिला प्रशासन की तरफ से होम आइसोलेशन वाले कोरोना मरीजों को मेडिकल किट दिया जा रहा है, जिसमें निम्न दवाइयां रह रही है.
जो इस प्रकार है -
- पैरासिटामोल 500mg 15 गोली(tablet)
- अजिथ्रोमाइसिन 500mg 10 गोली
- विटामिन सी 10 गोली
- मल्टीविटामिन 10 गोली
- लिवो सिट्रीज़ीन 10 गोली
- सर्जिकल मास्क 3 piece
- सैनिटाइजर बोतल 100ml