पटना: शनिवार को राजधानी पटना में पारा मेडिकल छात्रों का प्रदर्शन (Para Medical Students Protest) देखने को मिला. पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूशन के स्नातक पारा मेडिकल के सैकड़ों छात्रों ने अशोक राजपथ स्थित इंस्टिट्यूट से लेकर कारगिल चौक तक मुंह पर काली पट्टी बांधकर विरोध मार्च निकाला. ये लोग सेवा नियमावली गठन की मांग (Demand For Formation of Service Rules) को लेकर लगातार नौवें दिन प्रदर्शन कर रहे हैं और अपने कॉलेज में धरना दिए हुए हैं. छात्रों का कहना है कि सेवा नियमावली नहीं होने की वजह से डिप्लोमा वाले छात्रों के साथ उसी स्कूल में काम करना पड़ता है और डिप्लोमा के लिए अब सेवा नियमावली का गठन होने के कारण उन लोगों के पास जॉब संकट हो गया है.
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'कैडर के कारण जॉब सिक्योर नहीं': पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूशन की छात्रा भावना कुमारी ने कहा कि उन लोगों की एक ही मांग है कि उन लोगों का कैडर का गठन हो. कैडर गठन करने की मांग को लेकर लगातार नौ दिनों से कॉलेज में धरने पर बैठे हुए हैं. उनके धरने का सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है और उन लोगों का प्रयास है कि सरकार उनकी बातों को सुने और उचित संज्ञान ले. पिछले 10 वर्ष से लोक स्वास्थ्य संस्थान में पारा मेडिकल के लिए स्नातक की पढ़ाई चल रही है लेकिन कैडर गठित हो नहीं होने की वजह से उन लोगों का जॉब सिक्योर नहीं है और ना ही उन्हें जॉब मिल पाता है. अभी तक पारा मेडिकल में स्नातक करने वाले के लिए कोई ग्रेड पे तय नहीं किया गया है. जिस वजह से उन लोगों का भविष्य अंधकार में जा रहा है और सरकार को उन लोगों की स्थिति के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार जब तक उनकी मांगों को पूरी नहीं करती है, तब तक धरना प्रदर्शन चलता रहेगा.
9 दिनों से धरने पर छात्र: वहीं, स्नातक पारामेडिकल के छात्र राहुल प्रकाश ने बताया कि पिछले 8 दिनों से वह धरने पर बैठे हुए थे और आज नौवां दिन है लेकिन सरकार सुन नहीं रही है. सरकार सब कुछ जानते हुए भी गूंगी बनी हुई है. ऐसे में मजबूरी में वह सभी पीएचआई से कारगिल चौक तक मुंह पर कालr पट्टी बांध कर पैदल मार्च किए हैं और अपना विरोध जता रहे हैं. कई बार वह सभी कैडर गठन करने की मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से मिल चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है और सिर्फ आश्वासन मिलता है.
सेवा नियमावली का गठन हो: स्नातक पारा मेडिकल के लिए प्रदेश में कोई बहाली नहीं होती. कोई जॉब नहीं है ऐसे में सरकार बताए कि आखिर उसने इस कोर्स की शुरुआत क्यों की. सरकारी स्तर पर 80 सीटों के लिए प्रदेश भर से छात्र इंट्रेंस एग्जाम देकर के चुने जाते हैं लेकिन जब यहां से वह डिग्री कंप्लीट करते हैं तो उनके लिए कोई जॉब नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द उन लोगों के लिए सेवा नियमावली का गठन करें और उसके आधार पर वैकेंसी निकालें.
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