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बिहार पंचायत चुनाव: कोरोना के बाद अब बाढ़ बनी इलेक्शन कमीशन के लिए बड़ी चुनौती - बिहार में बाढ़

कोरोना के कारण पंचायत चुनाव में पहले ही काफी देरी हो चुकी है. निर्वाचन आयोग, चुनाव की तैयारी को लेकर हर दिन एक कदम आगे बढ़ रहा है. लेकिन आयोग के सामने कोरोना के साथ ही अब बाढ़ भी एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है.

Bihar Panchayat chunav
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Published : Jul 12, 2021, 8:50 PM IST

पटना: बिहार में अब पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) की रफ्तार तेज हो गई है. कोरोना काल में चुनाव को लेकर हर स्तर पर तैयारी की जा रही है. पंचायतों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. लेकिन निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) के लिए बाढ़ (Flood in bihar) में चुनाव कराना एक बड़ी चुनौती है.

बिहार के कई जिले बाढ़ का प्रकोप झेल रहे हैं ऐसे में उन स्थानों पर पंचायत चुनाव कराना आसान नहीं होगा. जानकारी के अनुसार अक्टूबर में जब इन क्षेत्रों से बाढ़ का पानी निकल जाएगा तब यहां पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- बड़ी खबर: अगस्त महीने में हो सकता है पंचायत चुनाव के प्रथम चरण का मतदान

कोरोना महामारी की भयावहता को देखते हुए राज्य में पंचायत चुनाव देरी से होंगे. राज्य निर्वाचन आयोग के लिए कोरोना के साथ-साथ अब बाढ़ प्रभावित इलाकों में चुनाव कराना बड़ी चुनौती साबित हो रही है. आयोग के अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अंतिम चरणों में पंचायत चुनाव कराए जाने पर विचार किया जा रहा है.

राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य में 10 चरणों में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है. आयोग, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थित पंचायतों में नौवें और दसवें चरण में चुनाव कराने पर विचार कर रहा है. हालांकि आयोग की पूरी कोशिश है कि 1 जिले में एक बार में ही चुनाव संपन्न करा लिया जाए. लेकिन राज्य के तकरीबन 15 जिलों में बाढ़ का खतरा ज्यादा होने के कारण आयोग द्वारा की गई तैयारी में बाधक साबित हो सकता है.

अगस्त से शुरू होने वाले पंचायत चुनाव के दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पंचायतों से पूरी तरह पानी निकलने की संभावना कम दिखती है. पंचायत के मतदाता भी बाढ़ राहत शिविर में रह रहे हैं. ऐसे में उनकी चुनाव में भागीदारी कम होगी. इसलिए अक्टूबर में जब इन क्षेत्रों से बाढ़ का पानी निकल जाएगा तब पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं.

राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंचायत चुनाव कराने के पूर्व बाढ़ प्रभावित जिलों से जल जमाव वाली पंचायतों की रिपोर्ट मांगी जाएगी. इसके आधार पर ही चुनाव की तिथि निर्धारित होगी. आयोग ने निर्णय लिया है कि गैर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शुरुआती चरणों में मतदान संपन्न करा लिया जाएगा.

अति बाढ़ प्रभावित जिले सुपौल, मधेपुरा, शिवहर, सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, कटिहार,वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर हैं.

जबकि सामान्य बाढ़ प्रभावित जिले औरंगाबाद, अरवल, कैमूर, जहानाबाद, गोपालगंज, मुंगेर, रोहतास, लखीसराय, किशनगंज, सिवान ,भोजपुर, पटना, अररिया, पश्चिम चंपारण, बक्सर ,पूर्णिया, नालंदा और सारण हैं.

पटना: बिहार में अब पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) की रफ्तार तेज हो गई है. कोरोना काल में चुनाव को लेकर हर स्तर पर तैयारी की जा रही है. पंचायतों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. लेकिन निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) के लिए बाढ़ (Flood in bihar) में चुनाव कराना एक बड़ी चुनौती है.

बिहार के कई जिले बाढ़ का प्रकोप झेल रहे हैं ऐसे में उन स्थानों पर पंचायत चुनाव कराना आसान नहीं होगा. जानकारी के अनुसार अक्टूबर में जब इन क्षेत्रों से बाढ़ का पानी निकल जाएगा तब यहां पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- बड़ी खबर: अगस्त महीने में हो सकता है पंचायत चुनाव के प्रथम चरण का मतदान

कोरोना महामारी की भयावहता को देखते हुए राज्य में पंचायत चुनाव देरी से होंगे. राज्य निर्वाचन आयोग के लिए कोरोना के साथ-साथ अब बाढ़ प्रभावित इलाकों में चुनाव कराना बड़ी चुनौती साबित हो रही है. आयोग के अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अंतिम चरणों में पंचायत चुनाव कराए जाने पर विचार किया जा रहा है.

राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य में 10 चरणों में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है. आयोग, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थित पंचायतों में नौवें और दसवें चरण में चुनाव कराने पर विचार कर रहा है. हालांकि आयोग की पूरी कोशिश है कि 1 जिले में एक बार में ही चुनाव संपन्न करा लिया जाए. लेकिन राज्य के तकरीबन 15 जिलों में बाढ़ का खतरा ज्यादा होने के कारण आयोग द्वारा की गई तैयारी में बाधक साबित हो सकता है.

अगस्त से शुरू होने वाले पंचायत चुनाव के दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पंचायतों से पूरी तरह पानी निकलने की संभावना कम दिखती है. पंचायत के मतदाता भी बाढ़ राहत शिविर में रह रहे हैं. ऐसे में उनकी चुनाव में भागीदारी कम होगी. इसलिए अक्टूबर में जब इन क्षेत्रों से बाढ़ का पानी निकल जाएगा तब पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं.

राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंचायत चुनाव कराने के पूर्व बाढ़ प्रभावित जिलों से जल जमाव वाली पंचायतों की रिपोर्ट मांगी जाएगी. इसके आधार पर ही चुनाव की तिथि निर्धारित होगी. आयोग ने निर्णय लिया है कि गैर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शुरुआती चरणों में मतदान संपन्न करा लिया जाएगा.

अति बाढ़ प्रभावित जिले सुपौल, मधेपुरा, शिवहर, सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, कटिहार,वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर हैं.

जबकि सामान्य बाढ़ प्रभावित जिले औरंगाबाद, अरवल, कैमूर, जहानाबाद, गोपालगंज, मुंगेर, रोहतास, लखीसराय, किशनगंज, सिवान ,भोजपुर, पटना, अररिया, पश्चिम चंपारण, बक्सर ,पूर्णिया, नालंदा और सारण हैं.

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