पटना: बिहार में लॉक डाउन की वजह से तमाम उद्योग, दफ्तर, होटल और कारखाने बंद पड़े हैं. इसका सीधा नुकसान व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है. आर्थिक मंदी की चपेट में सभी वर्ग के लोग हैं. वहीं, बात करें खाद्य तेल विक्रेताओं की तो इन्हें भी बहुत घाटा हुआ है. इस घाटे की वजह रेस्टोरेंट, होटल और ढाबों के साथ-साथ फास्ट फूड की दुकानें बंद होना भी है.
राजधानी पटना में ईटीवी भारत संवाददाता ने इस बाबत खाद्य तेल विक्रेताओं से हो रही बिक्री के बारे में जाना. इस दौरान पता चला कि सबसे ज्यादा बिकने वाला पाम ऑयल की बिक्री न के बराबर हो रही है. पाम ऑयल, जिसे आम लोग रिफाइंड के नाम से जानते हैं. सस्ता होने के कारण इसका प्रयोग सबसे ज्यादा होता है. लेकिन लॉकडाउन ने इसके प्रयोग के साथ-साथ इसकी बिक्री को भी लॉक कर दिया है.
पटना में पाम ऑयल के थोक व्यापारी मनोज कुमार ने बताया कि होटल और रेस्टोरेंट के बंद होने के कारण उनके ऑयल का कारोबार पूरी तरह ठप हो चुका है, जो माल बचा है. वह भी रखे-रखे खराब हो रहा है. मीठापुर मंडी में एक और थोक व्यापारी ने बताया कि जब से शहर के रेस्टोरेंट होटल और ठेले वाले बंद हुए हैं, तब से पाम ऑयल की बिक्री भी लगभग 80 फीसदी तक कम हो गई है क्योंकि पाम ऑयल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा ठेले खोमचे वाले फास्ट फूड होटल और ढाबे वाले करते हैं.
सब है लॉक, कैसे बिके ऑयल?
- खाद्य विभाग के मुताबिक पटना में 422 रजिस्टर्ड होटल और रेस्टोरेंट हैं.
- इनके अलावा करीब 600 अन्य छोटी दुकानें, फुटपाथ की दुकानें और फास्ट फूड दुकानें हैं.
- सभी बंद हैं, ऐसे में टनों में बिकने वाला पाम ऑयल अब नहीं बिक रहा है.
पाम आयल का होता है आयात
इस बारे में यह जान लेना आवश्यक है कि भारत दुनिया में खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है. देश में करीब डेढ़ करोड़ टन खाद्य तेल का आयात हर साल होता है और इस आयात में सबसे ज्यादा मात्रा पाम ऑयल की होती है. पाम ऑयल विशेष रूप से होटल रेस्टोरेंट ढाबा और फास्ट फूड दुकानों में उपयोग में लाया जाता है.
पाम ऑयल का प्रयोग
- यह एक वनस्पति तेल होता है.
- इसका प्रयोग साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट और मेक-अप क्रीम में भी किया जाता है.
- दवा बनाने में भी पाम ऑयल का प्रयोग होता है.
- पेट्रोल या डीजल में मिलाया जाने वाले बायो-फ्यूल भी पाम ऑयल ही होता है.
- पाम ऑयल को खाने के लिए परहेज करना चाहिए क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है.
पटना के बड़े व्यवसाई भी मानते हैं की पाम आयल की बिक्री पूरी तरह बंद है. लॉक डाउन की वजह से इसके व्यवसाय पर बहुत बुरा असर पड़ा है, जिसकी मार व्यापारी वर्ग झेल रहा है.