पटना: राजधानी के बीआईएस सभागार में बैंकों के राष्ट्रीयकरण की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर बिहार प्रोविंशियल बैंक इंप्लॉइज एसोसिएशन की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में विधान पार्षद संजय पासवान मुख्य अतिथि के रुप में सम्मिलित हुए. संजय पासवान ने कार्यक्रम में उपस्थित बैंक कर्मियों को संबोधित किया.
'बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना अपने समय का महत्वपूर्ण फैसला'
बैंकों के राष्ट्रीयकरण की स्वर्ण जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के महासचिव अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि राष्ट्रीयकरण के समय से आज तक बैंकों के शाखा का विस्तार बड़े पैमाने पर किया है. उन्होंने कहा कि ऋण वितरण और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवा की उपलब्धता के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों का योगदान अहम रहा है. उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति में बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना अपने समय का काफी महत्वपूर्ण फैसला रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकारी क्षेत्रों के बैंकों को और अधिक सशक्त बनाने की कोशिश की जाए.
'बैंकों के राष्ट्रीयकरण होने के बाद आर्थिक विषमता कम हुई'
सभा को संबोधित करते हुए विधान पार्षद संजय पासवान ने कहा कि देश के आर्थिक और सामाजिक उत्थान में बैंकों के राष्ट्रीयकरण का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. बैंकों के राष्ट्रीयकरण होने के बाद आर्थिक विषमता कम हुई. राष्ट्रीयकरण के बाद बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार हुआ है, जिससे देश की गरीब जनता को इसका काफी लाभ मिला है.
'सरकारी बैंकों का निजीकरण नहीं होना चाहिए'
संजय पासवान ने कहा कि किसी भी हाल में सरकारी बैंकों का निजीकरण नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी बैंक रहते हैं. जबकि, मुनाफा वाले शहरी क्षेत्रों में निजी बैंक को बढ़ावा दिया जा रहा है, यह गलत है. इससे अर्थव्यवस्था कमजोर होगी. उन्होंने कहा कि वह किसी भी हाल में सरकारी बैंकों का निजीकरण नहीं होने देंगे.