पटना: 19 जनवरी को बनने वाले राज्यव्यापी मानव श्रृंखला को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके जरिये लोगों को जागरूक कर सामाजिक बुराईयों को खत्म करने की बात कह रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इस मानव श्रृंखला के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है. साथ ही विपक्ष की तरफ से इस श्रृंखला में शामिल होने वाले स्कूल के छात्रों की पढ़ाई को बर्बाद करने का भी आरोप लगाया जा रहा है.
दरअसल, 19 दिसंबर को दिन के 11:30 से 12:00 बजे तक जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्ति, बाल विवाह और दहेज उन्मूलन के पक्ष में राज्यव्यापी मानव श्रृंखला बनाये जाने का नीतीश सरकार ने ऐलान किया है. इसके लिये स्कूल के बच्चों के साथ शिक्षक और प्रधानाध्यापकों को मानव श्रृंखला की तैयारी करने को कहा गया है. छात्रों को इस श्रृंखला के लिये नारा लिखने, पेंटिंग बनाने, स्लोगन बनाने और श्रृंखला को बेहतर बनाने की तैयारी करने को कहा गया है.
शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
पिछले एक सप्ताह में शिक्षा विभाग की ओर से कई दिशा-निर्देश जारी हुये हैं. इन सभी निर्देशों के माध्यम से स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को मानव श्रृंखला की तैयारी करने को कहा गया है. इन आदेशों के मद्देनजर विपक्ष के नेता नीतीश कुमार पर बिहार की शिक्षा को बर्बाद करने का आरोप लगा रहे हैं.
विपक्ष का आरोप
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा कहते हैं कि नीतीश कुमार अपनी राजनीति चमकाने के लिये छात्रों को मानव श्रृंखला में शामिल कर रहे हैं. उनकी पढाई-लिखाई छुड़ाकर एक महीने तक उनसे मानव श्रृंखला की तैयारी कराई जा रही है. वहीं, राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि नीतीश कुमार का ये तुगलकी फरमान है. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि बिहार की कानून व्यवस्था, बलात्कार और हत्या के मामले पर भी कुछ करेंगे या नहीं?
20 दिसंबर से छात्रों के लिये क्रैश कोर्स
बता दें कि बिहार शिक्षा परियोजना ने अगले साल मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए 20 दिसंबर से क्रैश कोर्स कराने का निर्देश भी जारी किया है, जो 5 हफ्ते तक चलेगा. अब सवाल ये है कि आखिर बच्चे मानव श्रृंखला के साथ परीक्षा की तैयारी कैसे करेंगे?