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Bihar Shikshak Niyojan: सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा #नियमावली_23_वापस_लो.. चुनाव में खामियाजा भुगतने की धमकी

बिहार में नई शिक्षक नियमावली जारी होने के साथ ही विरोध शुरू हो गया है. बिहार में प्रदर्शन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी इसका खूब विरोध हो रहा है. ट्विटर पर #नियमावली_23_वापस_लो' ट्रेंड कर रहा है. यूजर सरकार के प्रति आक्रोश जता रहे हैं. साथ ही कई जगह पुतला दहन भी किया जा रहा है. जानिए नई नियमावली क्या है...

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Published : Apr 11, 2023, 6:32 PM IST

Updated : Apr 12, 2023, 8:57 AM IST

पटनाः बिहार में सातवें चरण की शिक्षक बहाली को लेकर जारी नई नियमावली (Shikshak Niyamawali) का विरोध हो रहा है. बिहार के शिक्षक संघ के साथ साथ अभ्यर्थी भी इसका विरोध कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी बिहार सरकार के प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है. ट्विटर पर '#नियमावली_23_वापस_लो' ट्रेंड कर रहा है. इस हैस टैग के तहत यूजर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं. सरकार से मांग की जा रही है कि इस नियमावली को वापस लिया जाए. विरोध के साथ साथ कई जगह सीएम, डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री का पुतला भी दहन किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः Bihar Shikshak Niyamawali पर सरकार छात्रों को ठग रही, नीतीश के दिल्ली दौरे पर भी विजय सिन्हा का तंज

दलों की राजनीति का शिकार शिक्षक अभ्यर्थी क्यों?: ट्विटर ट्रेंड कर रहा #नियमावली_23_वापस_लो के साथ एक यूजर ने लिखा है. 'अब भी जिसका खून न खौला, खून नहीं वो पानी है, नियमावली 2023 वापस करवाओ, नहीं तो बर्बाद जवानी है. दलों की राजनीति का शिकार शिक्षक अभ्यर्थी क्यों?' एक यूजर ने लिखा है कि 'शिक्षक अभियर्थी को भेड़ बकरी समझ लिए है क्या?, जब चाहा जैसे मन किया हांक दिया. कुछ यूजर ने यह भी कहा कि सरकार ने अभ्यर्थी को ठगने का काम किया है. इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतने के लिए तैयार रहे.

क्या है शिक्षक नियमावलीः सातवें चरण में शिक्षक बहाली को लेकर नई नियमावली जारी किया गया है. सातवें चरण के तहत करीब 3 लाख 19 हजार शिक्षकों की बहाली होनी है. नई नियमावली के तहत प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के लिए शिक्षकों की बहाली की जाएगी. इसके लिए अभ्यर्थियों को BPSC की ओर से आयोजित परीक्षा पास करना होगा. आयोग से बहाल शिक्षक राज्य सरकार के कर्मचारी माने जाएंगे, जिन्हें कई सारी सुविधाएं भी दी जाएगी. इस परीक्षा में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा.

जरूरी बातेंः आयोग की परीक्षा में बैठने के लिए शिक्षकों को तीन बार मौका दिया जाएगा. साथ ही अभ्यर्थी को सीटीईटी और टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है. CTET-STET के अलावा डीएलएड/बीएड/एमएड क्वालिफाइड होना भी जरूरी है. आयोग से परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को जिला चुनने का ऑफ्शन दिया जाएगा. सरकार ने यह भी नियम बनाया है कि जो पूर्व से नियोजित शिक्षक हैं, अगर वे राज्यकर्मी का दर्जा पाना चाहते हैं तो BPSC की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. नियोजित शिक्षकों को 10 वर्ष तक की छूट दी जाएगी. जो शिक्षक इसमें शामिल नहीं होंगे वे पुरानी नियामवली के तहत बने रहेंगे.

पटनाः बिहार में सातवें चरण की शिक्षक बहाली को लेकर जारी नई नियमावली (Shikshak Niyamawali) का विरोध हो रहा है. बिहार के शिक्षक संघ के साथ साथ अभ्यर्थी भी इसका विरोध कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी बिहार सरकार के प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है. ट्विटर पर '#नियमावली_23_वापस_लो' ट्रेंड कर रहा है. इस हैस टैग के तहत यूजर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं. सरकार से मांग की जा रही है कि इस नियमावली को वापस लिया जाए. विरोध के साथ साथ कई जगह सीएम, डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री का पुतला भी दहन किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः Bihar Shikshak Niyamawali पर सरकार छात्रों को ठग रही, नीतीश के दिल्ली दौरे पर भी विजय सिन्हा का तंज

दलों की राजनीति का शिकार शिक्षक अभ्यर्थी क्यों?: ट्विटर ट्रेंड कर रहा #नियमावली_23_वापस_लो के साथ एक यूजर ने लिखा है. 'अब भी जिसका खून न खौला, खून नहीं वो पानी है, नियमावली 2023 वापस करवाओ, नहीं तो बर्बाद जवानी है. दलों की राजनीति का शिकार शिक्षक अभ्यर्थी क्यों?' एक यूजर ने लिखा है कि 'शिक्षक अभियर्थी को भेड़ बकरी समझ लिए है क्या?, जब चाहा जैसे मन किया हांक दिया. कुछ यूजर ने यह भी कहा कि सरकार ने अभ्यर्थी को ठगने का काम किया है. इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतने के लिए तैयार रहे.

क्या है शिक्षक नियमावलीः सातवें चरण में शिक्षक बहाली को लेकर नई नियमावली जारी किया गया है. सातवें चरण के तहत करीब 3 लाख 19 हजार शिक्षकों की बहाली होनी है. नई नियमावली के तहत प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के लिए शिक्षकों की बहाली की जाएगी. इसके लिए अभ्यर्थियों को BPSC की ओर से आयोजित परीक्षा पास करना होगा. आयोग से बहाल शिक्षक राज्य सरकार के कर्मचारी माने जाएंगे, जिन्हें कई सारी सुविधाएं भी दी जाएगी. इस परीक्षा में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा.

जरूरी बातेंः आयोग की परीक्षा में बैठने के लिए शिक्षकों को तीन बार मौका दिया जाएगा. साथ ही अभ्यर्थी को सीटीईटी और टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है. CTET-STET के अलावा डीएलएड/बीएड/एमएड क्वालिफाइड होना भी जरूरी है. आयोग से परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को जिला चुनने का ऑफ्शन दिया जाएगा. सरकार ने यह भी नियम बनाया है कि जो पूर्व से नियोजित शिक्षक हैं, अगर वे राज्यकर्मी का दर्जा पाना चाहते हैं तो BPSC की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. नियोजित शिक्षकों को 10 वर्ष तक की छूट दी जाएगी. जो शिक्षक इसमें शामिल नहीं होंगे वे पुरानी नियामवली के तहत बने रहेंगे.

Last Updated : Apr 12, 2023, 8:57 AM IST
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