पटना: बिहार विधान परिषद (Bihar Assembly) की कार्यवाही आज पहले दिन शोक प्रस्ताव के साथ स्थगित कर दी गई. शोक प्रस्ताव से पहले विभिन्न अध्यादेशों की प्रतियां प्रभारी मंत्री संजय कुमार झा (Minister Sanjay Kumar Jha) ने सदन के पटल पर रखीं. वहीं, वित्तीय वर्ष 2021-22 की प्रथम अनुपूरक व्यय विवरण प्रभारी मंत्री ने सदन के पटल पर रखीं.
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प्रभारी मंत्री संजय कुमार झा ने वर्ष 2021-22 के प्रथम अनुसूची पूरक व्यय विवरणी की एक प्रति पटल पर रखी है. इसके अलावा बिहार पंचायत राज संशोधन अध्यादेश की प्रति भी रखी गई है.
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सभापति ने सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए कहा कि मानसून सत्र (Monsoon Session) में 26 जुलाई से 30 जुलाई तक कुल 5 बैठकें होंगी. उम्मीद है कि जनता के हित से जुड़े महत्वपूर्ण मामले और प्रदेश के विकास से जुड़े ज्यादा से ज्यादा मामले सदन के पटल पर लाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के विरुद्ध लड़ाई में सरकार ने अपने सभी संभव संसाधनों का पूरा उपयोग किया है.
सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में लोग दिवंगत हुए हैं. उन सभी को सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी गई. विपक्ष के नेताओं ने कार्यवाही स्थगित करने को लेकर कहा है कि यह प्रस्ताव सदन में कामकाज के बाद आना चाहिए था. जिससे सदन के एक दिन का उपयोग किया जा सके.
'एक दिन पूरा समय शोक प्रस्ताव में चला जाए, निश्चित रूप से संसोधन की गुंजाइश बनती है. यह पूरे बिहार के हित में होगा. मैं मान रहा हूं कि शोक प्रस्ताव को पूरे सदन को समाप्त कर देना आवश्यक नहीं है. शोक प्रस्ताव बाद में होना चाहिए या शोक प्रस्ताव के बाद एक या दो घंटे के बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू करनी चाहिए.' -समीर कुमार सिंह, एमएलसी सह कार्यकारी अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस
'शोक प्रस्ताव के बाद कोई कार्यवाही नहीं होती है. समय तो बहुत कीमती है और मात्र 5 दिन के लिए सदन आहूत की गई है. इसे देखते हुए जनहित में बहुत से मामले को उठाया जा सकता था. आज सदन में सिर्फ समय की बर्बादी हुई. -रामबली चन्द्रवंशी, एमएलसी, राजद