पटना: बिहार में कोरोना का कहर जारी है. हर एक दिन आंकड़ा 7000 के ऊपर जा चुका है और संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. अस्पताल में जहां बेड कम पड़ गए हैं. वहीं ऑक्सीजन और दवाइयों के भी लाले पड़ गए हैं. धीमी वैक्सीनेशन को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
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वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज करने की मांग
बिहार में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. संक्रमण की रफ्तार इतनी तेजी से बढ़ रही है कि अस्पताल में बेड कम पड़ गए हैं. जरूरी दवाइयों की भी किल्लत हो गई है. ऐसे में वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेज करने की मांग भी जोर पकड़ने लगी है. बता दें कि राज्य में अब तक 57 लाख 83 हजार 260 लोगों और टीका दिया जा चुका है. इनमें टीके की पहली डोज लेने वालों की संख्या 50 लाख 44 हजार 511 है. वहीं दूसरी डोज लेने वालों की संख्या 7 लाख 38 हजार 740 है.
सरकार को वैक्सीनेशन तेज करने की जरूरत है. शहरों में तो लोगों को वैक्सीन मिल रही है. लेकिन गांव में लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पा रहे हैं- दानिश रिजवान, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हम
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सरकार के सामने चुनौतियां हैं. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाना जरूरी है. लॉकडाउन सिर्फ एक मात्र विकल्प नहीं है- नवल किशोर यादव, भाजपा नेता
चेन ब्रेक करना जरूरी
समाजसेवी डॉ. संजय कुमार का कहना है कि कोरोना पर काबू पाने के लिए चेन को ब्रेक करना जरूरी है. अस्पताल में सरकार को दवाई और ऑक्सीजन की व्यवस्था करनी चाहिए. बिहार में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है. बगैर वैक्सीनेशन के कोरोना पर काबू नहीं पाया जा सकता है.