पटना: बिहार को इस बार बाढ़ और सुखाड़ दोनों की मार झेलनी पड़ी है. 2 बार आई बाढ़ के कारण काफी क्षति हुई. क्षति आपूर्ति को लेकर बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से 2760 करोड़ के मदद की मांग की थी. लेकिन, दोबारा बाढ़ आने के बाद केंद्रीय टीम ने भी जायजा लिया और फिर नुकसान की रिपोर्ट मांगी. बिहार सरकार ने दोबारा रिपोर्ट भेजी और 1599 करोड़ की मांग की. कुल मिलाकर बाढ़ से उबरने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 4500 करोड़ की मदद मांगी.
बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को ज्ञापन भी सौंपा गया. लेकिन, केंद्र की ओर से केवल 400 करोड़ रुपये ही मदद को तौर पर दिए गए. गौरतलब है कि लगभग 2 दर्जन से ज्यादा जिले इस बार बाढ़ से प्रभावित हुए थे.
राजधानी को भी हुआ था नुकसान
पटना में हुई भारी बारिश के कारण भयानक जलजमाव हुआ था. कई इलाका हफ्तों तक जलमग्न थे. ऐसे में बिहार आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों को छह-छह हजार रुपये की राशि दी गई. आपदा प्रबंधन विभाग ने केंद्र सरकार से सबसे अधिक राशि की मांग की. उन्होंने 700 करोड़ रुपये मदद के लिए मांगे हैं.
कृषि मंत्री को है मदद की आस
बिहार सरकार की ओर से दो बार केंद्र सरकार को बाढ़-सुखाड़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए ज्ञापन दिया गया. पहली बार 2760 करोड़ और दूसरी बार 1599 करोड़ के लिए. कृषि मंत्री प्रेम कुमार कहते हैं कि ऐसे हालातों से निबटने के लिए हर बार केंद्र से राशि एनडीए सरकार ने ही दी है. इस बार बाढ़ में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. लेकिन, हम लोगों ने जो केंद्र को प्रस्ताव भेजा है केंद्र से इस बार भी पूरी मदद मिलने की उम्मीद है.
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विपक्ष डबल इंजन सरकार पर उठा रहा सवाल
वहीं, महीनों बीत जाने के बाद भी नुकसान की भरपाई नहीं होने पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. आरजेडी विधायक शक्ति यादव ने पूछा है कि यह कैसी डबल इंजन की सरकार है? केंद्र और राज्य में गठबंधन होने के बावजूद भी इस आपदा की घड़ी में भी बिहार को केंद्र से मदद नहीं मिल रही है. नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए.