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बाढ़-सुखाड़ पर सियासत, विपक्ष ने कहा- 4500 करोड़ का हुआ नुकसान, मिला 400 करोड़ का झुनझुना

बिहार सरकार की ओर से दो बार केंद्र सरकार को बाढ़-सुखाड़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए ज्ञापन दिया गया. लेकिन, कोई मदद नहीं मिली. ऐसे में नुकसान की भरपाई नहीं होने पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं.

प्रेम कुमार और शक्ति यादव
प्रेम कुमार और शक्ति यादव
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Published : Dec 16, 2019, 9:56 PM IST

पटना: बिहार को इस बार बाढ़ और सुखाड़ दोनों की मार झेलनी पड़ी है. 2 बार आई बाढ़ के कारण काफी क्षति हुई. क्षति आपूर्ति को लेकर बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से 2760 करोड़ के मदद की मांग की थी. लेकिन, दोबारा बाढ़ आने के बाद केंद्रीय टीम ने भी जायजा लिया और फिर नुकसान की रिपोर्ट मांगी. बिहार सरकार ने दोबारा रिपोर्ट भेजी और 1599 करोड़ की मांग की. कुल मिलाकर बाढ़ से उबरने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 4500 करोड़ की मदद मांगी.

बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को ज्ञापन भी सौंपा गया. लेकिन, केंद्र की ओर से केवल 400 करोड़ रुपये ही मदद को तौर पर दिए गए. गौरतलब है कि लगभग 2 दर्जन से ज्यादा जिले इस बार बाढ़ से प्रभावित हुए थे.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

राजधानी को भी हुआ था नुकसान
पटना में हुई भारी बारिश के कारण भयानक जलजमाव हुआ था. कई इलाका हफ्तों तक जलमग्न थे. ऐसे में बिहार आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों को छह-छह हजार रुपये की राशि दी गई. आपदा प्रबंधन विभाग ने केंद्र सरकार से सबसे अधिक राशि की मांग की. उन्होंने 700 करोड़ रुपये मदद के लिए मांगे हैं.

PATNA
पटना में थी जलजमाव की स्थिति

कृषि मंत्री को है मदद की आस
बिहार सरकार की ओर से दो बार केंद्र सरकार को बाढ़-सुखाड़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए ज्ञापन दिया गया. पहली बार 2760 करोड़ और दूसरी बार 1599 करोड़ के लिए. कृषि मंत्री प्रेम कुमार कहते हैं कि ऐसे हालातों से निबटने के लिए हर बार केंद्र से राशि एनडीए सरकार ने ही दी है. इस बार बाढ़ में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. लेकिन, हम लोगों ने जो केंद्र को प्रस्ताव भेजा है केंद्र से इस बार भी पूरी मदद मिलने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें: 'बातें कोरी-कोरी और धोखा घड़ी-घड़ी, सरीसृप का नाम, बूझो तो जानें?'

विपक्ष डबल इंजन सरकार पर उठा रहा सवाल
वहीं, महीनों बीत जाने के बाद भी नुकसान की भरपाई नहीं होने पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. आरजेडी विधायक शक्ति यादव ने पूछा है कि यह कैसी डबल इंजन की सरकार है? केंद्र और राज्य में गठबंधन होने के बावजूद भी इस आपदा की घड़ी में भी बिहार को केंद्र से मदद नहीं मिल रही है. नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए.

पटना: बिहार को इस बार बाढ़ और सुखाड़ दोनों की मार झेलनी पड़ी है. 2 बार आई बाढ़ के कारण काफी क्षति हुई. क्षति आपूर्ति को लेकर बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से 2760 करोड़ के मदद की मांग की थी. लेकिन, दोबारा बाढ़ आने के बाद केंद्रीय टीम ने भी जायजा लिया और फिर नुकसान की रिपोर्ट मांगी. बिहार सरकार ने दोबारा रिपोर्ट भेजी और 1599 करोड़ की मांग की. कुल मिलाकर बाढ़ से उबरने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 4500 करोड़ की मदद मांगी.

बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को ज्ञापन भी सौंपा गया. लेकिन, केंद्र की ओर से केवल 400 करोड़ रुपये ही मदद को तौर पर दिए गए. गौरतलब है कि लगभग 2 दर्जन से ज्यादा जिले इस बार बाढ़ से प्रभावित हुए थे.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

राजधानी को भी हुआ था नुकसान
पटना में हुई भारी बारिश के कारण भयानक जलजमाव हुआ था. कई इलाका हफ्तों तक जलमग्न थे. ऐसे में बिहार आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों को छह-छह हजार रुपये की राशि दी गई. आपदा प्रबंधन विभाग ने केंद्र सरकार से सबसे अधिक राशि की मांग की. उन्होंने 700 करोड़ रुपये मदद के लिए मांगे हैं.

PATNA
पटना में थी जलजमाव की स्थिति

कृषि मंत्री को है मदद की आस
बिहार सरकार की ओर से दो बार केंद्र सरकार को बाढ़-सुखाड़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए ज्ञापन दिया गया. पहली बार 2760 करोड़ और दूसरी बार 1599 करोड़ के लिए. कृषि मंत्री प्रेम कुमार कहते हैं कि ऐसे हालातों से निबटने के लिए हर बार केंद्र से राशि एनडीए सरकार ने ही दी है. इस बार बाढ़ में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. लेकिन, हम लोगों ने जो केंद्र को प्रस्ताव भेजा है केंद्र से इस बार भी पूरी मदद मिलने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें: 'बातें कोरी-कोरी और धोखा घड़ी-घड़ी, सरीसृप का नाम, बूझो तो जानें?'

विपक्ष डबल इंजन सरकार पर उठा रहा सवाल
वहीं, महीनों बीत जाने के बाद भी नुकसान की भरपाई नहीं होने पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. आरजेडी विधायक शक्ति यादव ने पूछा है कि यह कैसी डबल इंजन की सरकार है? केंद्र और राज्य में गठबंधन होने के बावजूद भी इस आपदा की घड़ी में भी बिहार को केंद्र से मदद नहीं मिल रही है. नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए.

Intro:पटना-- बिहार में इस बार 2 बार बाढ़ के कारण बड़ी क्षति हुई है बाढ़ से हुई क्षति को लेकर बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को 2760 करोड़ की मदद की मांग की थी लेकिन दोबारा फ्लैश फ्लड आने के बाद केंद्रीय टीम ने भी जायजा लिया और फिर नुकसान की रिपोर्ट मांगी बिहार सरकार ने दोबारा भेजी अपनी रिपोर्ट में 1599 करोड़ की मांग की है यानी कि बाढ़ में बिहार सरकार ने 4500 करोड़ की क्षतिपूर्ति की मांग केंद्र सरकार से की है और उससे संबंधित ज्ञापन आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से केंद्र के गृह मंत्रालय को सौंपा गया, लेकिन केंद्र की ओर से केवल ₹400 करोड़ की मदद ही अब तक दी गई है। अब सरकार तीसरी बार भी केंद्र सरकार को जो क्षति हुई है उसका संशोधित ज्ञापन सौंपने वाली है।
पेश है खास रिपोर्ट---


Body:बिहार में बाढ़ से इस बार दो दर्जन जिले प्रभावित हुए थे यहां तक कि पटना जिला भी बाढ़ की चपेट में इस बार आ गया जबरदस्त बारिश के कारण पटना का कई इलाका भी कई दिनों तक भयंकर जल जमाव से प्रभावित रहा। बिहार सरकार का आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों को छह छह हजार रुपए की राशि दी गई। केंद्र सरकार से सबसे अधिक राशि की मांग करने वाला आपदा प्रबंधन विभाग है । आपदा विभाग की ओर से 700 करोड़ केंद्र से मांग की ।
इसके साथ ग्रामीण सड़कों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है और कृषि विभाग का नुकसान भी अच्छा खासा है इन दोनों विभागों की ओर से भी बड़ी राशि की मांग की गई है।
बिहार सरकार की ओर से दो बार केंद्र सरकार को बाढ़ सुखाड़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए ज्ञापन दिया गया पहली बार 2760 करोड़ और दूसरी बार 1599 करोड़ । कृषि मंत्री प्रेम कुमार कहते हैं केंद्र से राशि एनडीए सरकार में ही मिली है यह सही है कि इस बार बाढ़ में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है लेकिन हम लोगों ने जो केंद्र को प्रस्ताव भेजा है केंद्र से इस बार भी पूरी मदद मिलने की उम्मीद है।
बाईट--प्रेम कुमार, कृषि मंत्री
विपक्ष पूछ रहा है कि यह कैसी डबल इंजन की सरकार है आपदा में भी बिहार को केंद्र से मदद नहीं मिल रही है।
बाईट--शक्ति यादव, राजद विधायक।


Conclusion: बिहार हर साल बाढ़ और सुखाड़ से प्रभावित होता रहा है बावजूद केंद्रीय मदद मिलने में बिहार की उपेक्षा की जाती रही है। इस बार भी कमोबेश स्थिति वही है और यह स्थिति तब है जब केंद्र में भी एनडीए की सरकार है और बिहार में भी। बिहार से कई नेता केंद्र में मंत्री हैं हालांकि जदयू केंद्र में जरूर शामिल नहीं है लेकिन कुल मिलाकर देखें तो विपक्ष को हमला करने का मौका मिल गया है ।
अविनाश, पटना।
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