पटना: केंद्र सरकार (Central Government) ने कोरोना की दवा के साथ उपकरण पर लगने वाली जीएसटी की दरों को घटा दिया है. सरकार के फैसले पर विपक्ष ने चुटकी लेना शुरू कर दिया है. विपक्ष का कहना है कि जब देश में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का प्रकोप बढ़ रहा था. उस समय सरकार ने लोगों को कोई रियायत नहीं दी, अब जब रफ्तार कम हुई है तो लोगों को दिग्भ्रमित करने में सरकार लगी हुई है.
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केंद्र के फैसले पर विपक्ष हमलावर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि वित्त मंत्रालय ने जीओएम की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. वित्त मंत्री की इस घोषणा पर बिहार के विपक्षी दलों के साथ सहयोगी दल भी सवाल उठाने लगे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को दिग्भ्रमित करने के लिए केंद्र सरकार इस तरह का फैसला ले रही है.
''देश में जब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर फैल रही थी. उस समय लोगों को ना तो ऑक्सीजन मिल रही थी और ना ही कोई दवा मिल रही थी. ऐसे में कालाबाजारी चरम पर थी. लेकिन सरकार ने उस वक्त आम लोगों को कोई राहत नहीं दी. अब जब संक्रमण की रफ्तार कम हुई है, तो लोगों को दिग्भ्रमित करने में सरकार लगी हुई है. इस संक्रमण काल में भी केंद्र सरकार राजनीति कर रही है.''- राजेश राठौर, प्रवक्ता कांग्रेस
''सरकार को ये फैसला बहुत पहले ही ले लेना चाहिए था, क्योंकि जब संक्रमण का प्रकोप बढ़ रहा था. लोग हलकान हो रहे थे. सबसे ज्यादा जरूरत लोगों को मदद पहुंचाने की सरकार की जिम्मेदारी थी, लेकिन सरकार ने लोगों को कोई रियायत नहीं दी. जब संक्रमण का प्रकोप कम हो गया है, तब सरकार ने ये फैसला लिया है. लेकिन इससे आम लोगों को कोई राहत नहीं मिलेगी.''- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता राजद
''जब देश और राज्य में संक्रमण का प्रकोप बढ़ रहा था. उस समय बाजार से ऑक्सीजन संक्रमण की दवा रेमडेसिविर उपलब्ध नहीं थी. जिसकी वजह से लाखों की संख्या में आम लोगों की मौत हो गई. उस समय सरकार की तरफ से कोई ठोस फैसला नहीं लिया, लेकिन जब प्रकोप कम हुआ है तो सरकार ने जो फैसला लिया है वो स्वागत योग्य है लेकिन आगे सरकार ध्यान रखें कि लोगों को कोई परेशानी ना हो.''- विजय यादव, प्रवक्ता, हम
जीएसटी परिषद की बैठक में लिया फैसला
बता दें कि शनिवार को जीएसटी परिषद की 44वीं बैठक में कोरोना संक्रमण की दवा और उपकरण पर लगने वाले 12% जीएसटी की दरों को घटाकर 5% कर दिया है. जबकि ब्लैक फंगस की दवा टैक्स फ्री कर दी गई है. जीएसटी परिषद ने कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली दवाओं मसलन रेमडेसिविर, उपकरणों, ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर और चिकित्सा ग्रेड ऑक्सीजन पर कर की दर में कटौती की है. हालांकि, कोविड-19 के टीके पर कर की दर को पांच प्रतिशत पर कायम रखा गया है.
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फैसले से मिलेगी राहत?
हालांकि, देश में जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी, तब केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी की दरों को घटाकर लोगों को कोई राहत नहीं दी गई, लेकिन अब जब लगातार कोरोना के केसों में कमी आ रही है, तब सरकार का ये फैसला कितना सही है? अब देखना होगा कि जीएसटी की दरों में की गई कमी के बाद आम लोगों को कितनी राहत मिलती है?