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बाढ़ पर विपक्ष का CM से सवाल: केंद्र नहीं देता मदद तो छोड़ क्यों नहीं देते साथ? - Bihar News

बाढ़ राहत को लेकर विपक्ष ने केंद्र पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. मांझी के मुताबिक मोदी सरकार नीतीश की कोई भी मांग नहीं मानती है. ऐसे में उन्हें एनडीए से अलग हो जाना चाहिए.

बाढ़ पर विपक्ष का नीतीश से सवाल
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Published : Sep 2, 2019, 1:38 PM IST

पटना: बाढ़ से आई तबाही से हुए नुकसान के आंकलन की समीक्षा के लिए केंद्रीय टीम रविवार को बिहार दौरे पर थी. टीम के सदस्यों ने पदाधिकारियों के साथ बैठक की. हालांकि अभी तक कोई बड़ा ऐलान नहीं हुआ है. ऐसे में सूबे की विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर हो गई है. केंद्र पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.

बयाने देते जीतनराम मांझी, विजय प्रकाश और नवल किशोर यादव


बिहार के साथ सौतेलापन
पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा कि बिहार सरकार बार-बार केंद्र से मदद मांग रही है, लेकिन केंद्र हर बार इसे अनसुना कर रही है. उन्होंने केंद्र पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.


कैसी डबल इंजन की सरकार?
मांझी ने कहा कि यहां बस नाम की ही डबल इंजन की सरकार है. असल में बीजेपी नीतीश कुमार से बदला ले रही है. जो भी मांग नीतीश कुमार करते हैं, मोदी सरकार ठुकरा देती है. कायदे से नीतीश को एनडीए से अलग हो जाना चाहिए. बिहार के पास इतनी क्षमता है कि बिना केंद्र की 'कृपा' से भी बिहार आगे बढ़ सकता है.


केंद्रीय टीम का दौरा महज दिखावा
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता सह विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि बिहार में केंद्रीय टीम बार-बार समीक्षा करने आती है, लेकिन मिलता कुछ खास नहीं है. उन्होंने कहा कि दरअसल ये सारी कवायद लोगों को भ्रमित करने के लिए हो रही है. सच तो यही है कि सरकार कुछ नहीं कर पा रही है. केंद्र सरकार तो पिछले 5 सालों से बिहार के साथ सौतेला रवैया अख्तियार किए हुए हैं.


विपक्ष के पास मुद्दा नहीं, बेफिजूल सवाल
हालांकि बीजपी प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा कि विपक्ष सिर्फ हल्ला ही करता है. मगर केंद्र ने इस बार बाढ़ के समय में इतना बढ़िया काम किया है, इसका कभी विपक्ष ने सोचा ही नहीं था. सच तो ये है कि इनको बात को काटने के सिवा कुछ बचा नहीं है.


बिहार ने मांगा है 2700 करोड़
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आंकलन करने का बाद केंद्रीय टीम ने बिहार सरकार द्वारा अनुशंसा की गई राशि को लेकर विचार-विमर्श किया. बताएं कि बिहार के 13 जिलों में आई बाढ़ से हुई क्षति की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 2700 करोड़ रुपये की मांग की है. जिसमें कृषि के लिए 354 करोड़, जल संसाधन के लिए 300 करोड़, पथ निर्माण के लिए 332 करोड़, ग्रामीण कार्य के लिए 18 करोड़, ऊर्जा के लिए 15 करोड़ और पशुपालन के लिए 12 करोड़ की राशि शामिल है.

पटना: बाढ़ से आई तबाही से हुए नुकसान के आंकलन की समीक्षा के लिए केंद्रीय टीम रविवार को बिहार दौरे पर थी. टीम के सदस्यों ने पदाधिकारियों के साथ बैठक की. हालांकि अभी तक कोई बड़ा ऐलान नहीं हुआ है. ऐसे में सूबे की विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर हो गई है. केंद्र पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.

बयाने देते जीतनराम मांझी, विजय प्रकाश और नवल किशोर यादव


बिहार के साथ सौतेलापन
पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा कि बिहार सरकार बार-बार केंद्र से मदद मांग रही है, लेकिन केंद्र हर बार इसे अनसुना कर रही है. उन्होंने केंद्र पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.


कैसी डबल इंजन की सरकार?
मांझी ने कहा कि यहां बस नाम की ही डबल इंजन की सरकार है. असल में बीजेपी नीतीश कुमार से बदला ले रही है. जो भी मांग नीतीश कुमार करते हैं, मोदी सरकार ठुकरा देती है. कायदे से नीतीश को एनडीए से अलग हो जाना चाहिए. बिहार के पास इतनी क्षमता है कि बिना केंद्र की 'कृपा' से भी बिहार आगे बढ़ सकता है.


केंद्रीय टीम का दौरा महज दिखावा
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता सह विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि बिहार में केंद्रीय टीम बार-बार समीक्षा करने आती है, लेकिन मिलता कुछ खास नहीं है. उन्होंने कहा कि दरअसल ये सारी कवायद लोगों को भ्रमित करने के लिए हो रही है. सच तो यही है कि सरकार कुछ नहीं कर पा रही है. केंद्र सरकार तो पिछले 5 सालों से बिहार के साथ सौतेला रवैया अख्तियार किए हुए हैं.


विपक्ष के पास मुद्दा नहीं, बेफिजूल सवाल
हालांकि बीजपी प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा कि विपक्ष सिर्फ हल्ला ही करता है. मगर केंद्र ने इस बार बाढ़ के समय में इतना बढ़िया काम किया है, इसका कभी विपक्ष ने सोचा ही नहीं था. सच तो ये है कि इनको बात को काटने के सिवा कुछ बचा नहीं है.


बिहार ने मांगा है 2700 करोड़
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आंकलन करने का बाद केंद्रीय टीम ने बिहार सरकार द्वारा अनुशंसा की गई राशि को लेकर विचार-विमर्श किया. बताएं कि बिहार के 13 जिलों में आई बाढ़ से हुई क्षति की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 2700 करोड़ रुपये की मांग की है. जिसमें कृषि के लिए 354 करोड़, जल संसाधन के लिए 300 करोड़, पथ निर्माण के लिए 332 करोड़, ग्रामीण कार्य के लिए 18 करोड़, ऊर्जा के लिए 15 करोड़ और पशुपालन के लिए 12 करोड़ की राशि शामिल है.

Intro:बिहार के साथ केंद्र हमेशा से ही करता आ रहा है सौतेला व्यवहार , मांझी ने कहा नीतीश कुमार बार-बार केंद्र से मदद की गुहार लगाते हैं पर केंद्र इनकी बातों को डाल देता है, बीजेपी की सरकार नीतीश कुमार से ले रही है बदला, आरजेडी ने कहा की आज तक डबल इंजन की सरकार का कोई विकास नहीं दिख रहा है बिहार में....


Body:पटना--- बाढ़ से आई आपदा की समीक्षा के लिए केंद्रीय टीम रविवार को बिहार दौरे पर थी बिहार सरकार के पदाधिकारियों के साथ बैठक की इस बैठक में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आकलन करने का बाद केंद्रीय टीम ने बिहार सरकार द्वारा अनुशंसा की गई राशि को लेकर विचार-विमर्श किया बिहार ने बाढ़ आपदा के लिए केंद्र सरकार से मांगा है 2700 हजार करोड़ जिसकी समीक्षा के लिए केंद्रीय टीम बिहार आई थी केंद्र से मांगे लेकिन अभी तक केंद्र सरकार के तरफ नहीं मिलने पर विपक्ष ने नीतीश कुमार को आईना दिखाया है हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि केंद्र से बार-बार मदद मांगना नीतीश कुमार की काबिलियत तारीफ है लेकिन केंद्र उनकी मांगों को बार-बार झुठला दे रहा है और बिहार के साथ हमेशा से ही केंद्र सौतेला व्यवहार करते आ रहा है।बिहार के साथ हो रहे सौतेला व्यवहार का आरोप लगाते हुए जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह नसीहत दी कि वह एनडीए से अलग होकर अपने पैरों पर बिहार के हित में काम करें। क्योंकि बिहार में नाम के ही डबल इंजन की सरकार है भाजपा सरकार नीतीश कुमार से बदला ले रही पहले भी नीतीश कुमार पर भाजपा ने सवाल उठाते हुए डीएनए में दोष का मामला उठाया था और नीतीश कुमार बार-बार केंद्र के सामने मदद की गुहार लगाते हैं लेकिन वह उन्हें मिल नहीं पाता है जीतन राम मांझी ने कहा बिहार अपने बलबूते अपने संसाधनों की बदौलत आगे बढ़ सकता है बस नीतीश कुमार को एक प्रयास करना चाहिए।

वही आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने बिहार दौरे पर आए आपदा की समीक्षा के लिए केंद्रीय टीम को लेकर बिहार सरकार पर हमला बोला विजय प्रकाश ने कहा कि बिहार में कोई डबल इंजन की सरकार नहीं है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार केंद्र ईशान ने मदद की गुहार लगाते हैं चाहे वह पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की मांग हो या फिर विशेष पैकेज की मांग हो या बाढ़ में आई आपदा के लिए मदद मांगने का सवाल हो लेकिन केंद्र बार-बार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करते आ रहा है। आपदा समीक्षा के लिए केंद्रीय टीम बार-बार बिहार दौरे पर आती है और हवाई सर्वेक्षण करके वापस चली जाती हैं और बिहार को सिर्फ केंद्र से खाली हाथ वापस होना पड़ता है। आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा कि सिर्फ नाम के लिए ही है बिहार में डबल इंजन की सरकार मुख्यमंत्री का दाई तो होता है कि राज्य का विकास करें लेकिन लोगों को दिग्भ्रमित करके कुर्सी पर बने रहने के लिए वह इस तरह का काम करते हैं।

केंद्र से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगा रहा विपक्ष पर बीजेपी नेता नवल किशोर यादव ने कहा कि विपक्ष सिर्फ हल्ला ही करता है लेकिन केंद्र ने इस बार बाढ़ के समय में इतना बढ़िया काम किया है इसका कभी विपक्ष ने सोचा ही नहीं था इनको बात को काटने के सिवा कुछ बचा नहीं है जमीन पर कितनी हकीकत में काम हो रही है इन्हें पता नहीं है इन्होंने कभी जमीनी स्तर पर काम ही नहीं किया।

बाइट--- जीतन राम मांझी पूर्व मुख्यमंत्री बिहार

बाइट--- विजयप्रकाश नेता आरजेडी

बाइट-- नवल किशोर यादव नेता बीजेपी


Conclusion:हम आपको बता दें कि बिहार सरकार की ओर से कुल 27 सौ करोड़ रुपए की अनुशंसा केंद्र से की गई है जिसमें कृषि के लिए 354 करोड़ जल संसाधन के लिए 300 करोड़ पथ निर्माण के लिए 332 करोड़ ग्रामीण कार्य के लिए 18 करोड ऊर्जा के लिए 15 करोड़ पशुपालन के लिए 12 करोड़ की राशि शामिल है या राशि बाढ़ भी सकती है लिहाजा अब देखना है कि बिहार के द्वारा मांगी गई इस राशि पर केंद्र सरकार क्या देता है।

ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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