पटना: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद पांच दिवसीय बिहार विधानसभा का सत्र कई मायनों में यादगार रहेगा. कोरोना महामारी के समय विधानसभा की कार्यवाही सेंट्रल हॉल में संचालित की गई. राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार का रौद्र रूप भी देखने को मिला. नीतीश के तेवर के कारण सेंट्रल हॉल का पारा ऊपर पहुंच गया. विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने सामने आ गए.
कई मायनों में यादगार रहा सत्र
बता दें कि 23 नवंबर से बिहार विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हुआ था. 23 और 24 नवंबर को विधायकों का शपथ ग्रहण कराया गया. वहीं 25 नवंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चयन हुआ. इस बार बीजेपी को विधानसभा अध्यक्ष पद मिला है और विजय सिन्हा मतदान के बाद बहुमत के साथ अध्यक्ष बने. 26 नवंबर को राज्यपाल का अभिभाषण हुआ राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष की ओर से हंगामा भी किया गया, लेकिन राज्यपाल के अभिभाषण पर 27 नवंबर को चर्चा के दौरान जो हुआ उसे सब दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं.
विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने सामने
असल में पहले नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव ने निजी हमले किए और फिर नीतीश कुमार की ओर से भी कुछ देर के लिए सही रौद्र रूप दिखाया गया. इसके बाद सदन हंगामे में डूब गया. सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी आमने-सामने आ गए सुरक्षाकर्मियों को बीच-बचाव करना पड़ा. उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने तेजस्वी यादव के आरोप पर निशाना साध, तो वहीं आरजेडी के सदस्य ने कहा कि मुख्यमंत्री का ऐसा तेवर पहले कभी नहीं देखा था. असल में तेजस्वी यादव के सवालों से मुख्यमंत्री बेनकाब हो गए. माले के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के यह कहने पर की अधिक संख्या में माले के सदस्य आये हैं समाज में झंझट बढ़ सकता है कहा कि हम लोग झंझटिया लोग नहीं हैं.
मजबूत विपक्ष बढ़ाएगा सरकार की चुनौतियां
बिहार विधानसभा का पांच दिवसीय विशेष सत्र इसलिए भी खास है कि विपक्ष इस बार काफी मजबूत है और उसमें भी वामपंथी दलों की संख्या भी अच्छी खासी है. ऐसे में तय है कि आने वाला बजट सत्र सरकार के लिए चुनौतियों भरा होगा.