पटना: इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार वोट कर रहे युवाओं की भूमिका क्या होगी? क्या सोचते हैं युवा और माना जा रहा है कि इस बार गेमचेंजर की भूमिका मे हो सकती है. इस मसले पर मसौढी विधानसभा क्षेत्र के युवा वोटरों की ने अपनी राय दी है.
विधानसभा चुनाव 2020 का इस बार का चुनाव बहुत ही दिलचस्प होने वाला है. किसी पार्टी के लिए यह करो या मरो कि स्थिति होगी. वहीं किसी के लिए यह अंतिम अवसर हो सकता है. ऐसे में पहली बार वोट कर रहे युवाओं से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की है. कई लोगों ने कहा कि बेहतर शिक्षा और बेरोजगारी को दूर करने की बात कही. वहीं अन्य युवाओं ने स्वास्थ्य और लड़कियों की सुरक्षा पर जोर दिया. साथ ही कई छात्रा ने कहा कि यहां लड़कियों के लिए पार्क की सुविधा होनी चाहिए.
बुनियादी मुद्दों पर वोट देंगे फर्स्ट वोटर्स
फर्स्ट वोटर जो अपना पहला वोट करेंगे, वो आज शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ज्यादा ही फोकस कर रहे हैं. बता दें कि बिहार में बढती जनसंख्या और बेरोजगारी एक अहम मुद्दे बनते जा रहे है. जिस पर हर कोई आज सवाल उठा रहा है. ऐसे पढाई करने वाले छात्रों की जुबान पर रोजगार अहम मुद्दा है. वहीं छात्राओं कि मानें तो माहौल ऐसा बने कि लडकियां घर से बेखौफ निकले और देर रात तक भी अपने घर बेखौफ लौटे. इनके लिए सुरक्षा एक अहम मुद्दा है.
कुल मतदाताओं की भागीदारी
चुनाव आयोग के अनुसार बिहार में 18-19 वर्ष के मतदाताओं की संख्या 7 लाख 14 हजार 488 है. वहीं 20-29 वर्ष के बीच के मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 60 लाख 54 हजार 685 है. जबकि 30-39 वर्ष के बीच के मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 98 लाख 65 हजार 475 है. इस प्रकार कुल मतदाताओं में इनकी भागीदारी 25.71 है.
किस सीट पर किसकी है पकड़
वहीं पटना जिले मे 28.37 प्रतिशत युवा मतदाता हैं, जो इस बार गेमचेंजर की भूमिका में हो सकते हैं. पटना जिला मे कुल 14 विधानसभा क्षेत्र है. जिसमे मोकामा सीट निर्दलीय, बाढ सीट भाजपा, बख्तियारपुर सीट भाजपा, दीघा सीट भाजपा, बांकीपुर सीट भाजपा, कुम्हरार सीट भाजपा, पटना साहिब भाजपा, फतुहा सीट राजद, दानापुर सीट भाजपा, मनेर सीट राजद, फुलवारी शरीफ (रिक्त), मसौढी सीट राजद, पालीगंज सीट राजद और बिक्रम सीट कांग्रेस आदी पर अभी कब्जा है. इन सभी क्षेत्रों में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक कार्यों मे युवाओं का ही बोलबाला रहता है. बहरहाल मसौढी विधानसभा क्षेत्र के युवाओं को मुख्यतः शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी और सुरक्षा के मुद्दे हैं. अपने विधानसभा क्षेत्र में एक शिक्षित नेता का चुनाव करेंगे. ताकी अपने क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य पर व्यापक रूप में काम कर सकेंगे.