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कारगर साबित नहीं हो रही दाखिल खारिज की ऑनलाइन सिस्टम, DM ने कैंप लगाने का दिया आदेश - राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग

दाखिल खारिज में ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था लागू होने के बावजूद लोग परेशान हैं. कई तरह की गलतियां सामने आ रही हैं. इससे निजात दिलाने के लिए जिलाधिकारी कुमार रवि ने कैंप लगाकर लंबित मामलों के निष्पादन का आदेश दिया है.

जिलाधिकारी कुमार रवि
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Published : Jun 23, 2019, 1:31 PM IST

पटना: दाखिल खारिज करने के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था शुरु की गई है. इसके बावजूद भी लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं. कर्मचारियों की गलती के कारण लोगों को प्रखंड कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

दरअसल, रजिस्टर-टू में खाता संख्या नहीं चढ़ाने के अलावा कई तरह की गलतियां सामने आयी हैं. इसके बाद व्यवस्था सवालों के घेरे में है. हालांकि इससे निजात दिलाने के लिए पटना जिलाधिकारी कुमार रवि ने कैंप लगाने का निर्देश दिया है. लंबित मामलों के निष्पादन के लिए अंचल अधिकारियों को आदेश दिया है.

जिलाधिकारी कुमार रवि

31 अगस्त तक का दिया गया समय
जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि कैंप लगाकर पचास प्रतिशत मामले का निपटारा करने का लक्ष्य है. रैयतों ने
आवेदन में खेसरा का रकबा अलग-अलग नहीं दिया है. जमाबंदी में गलतियों के कारण भी कुछ तकनीकी कठिनाईयां आ रही हैं. 31 अगस्त तक ठीक करने का निर्देश विभाग को दिया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आंकड़े के मुताबिक सूबे में हर महीने औसतन एक लाख म्यूटेशन का आवेदन आता है. राज्य का कुल रकबा 93.60 लाख हेक्टेयर है. जबकि 1.15 करोड़ होल्डिंग की लगान रसीद काटी जाती है.

पटना: दाखिल खारिज करने के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था शुरु की गई है. इसके बावजूद भी लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं. कर्मचारियों की गलती के कारण लोगों को प्रखंड कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

दरअसल, रजिस्टर-टू में खाता संख्या नहीं चढ़ाने के अलावा कई तरह की गलतियां सामने आयी हैं. इसके बाद व्यवस्था सवालों के घेरे में है. हालांकि इससे निजात दिलाने के लिए पटना जिलाधिकारी कुमार रवि ने कैंप लगाने का निर्देश दिया है. लंबित मामलों के निष्पादन के लिए अंचल अधिकारियों को आदेश दिया है.

जिलाधिकारी कुमार रवि

31 अगस्त तक का दिया गया समय
जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि कैंप लगाकर पचास प्रतिशत मामले का निपटारा करने का लक्ष्य है. रैयतों ने
आवेदन में खेसरा का रकबा अलग-अलग नहीं दिया है. जमाबंदी में गलतियों के कारण भी कुछ तकनीकी कठिनाईयां आ रही हैं. 31 अगस्त तक ठीक करने का निर्देश विभाग को दिया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आंकड़े के मुताबिक सूबे में हर महीने औसतन एक लाख म्यूटेशन का आवेदन आता है. राज्य का कुल रकबा 93.60 लाख हेक्टेयर है. जबकि 1.15 करोड़ होल्डिंग की लगान रसीद काटी जाती है.

Intro:राज्य में दाखिल खारिज के ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था के बाद भी लोगो की परेशानियां कम नही हो रही है..लोग प्रखंड कार्यालयों में दौड़ लगाने को मजबूर है..रजिस्टर टू में खाता संख्या नही चढ़ाने सहित कई त्रुटियां अंचल कार्यालय में तैनात कर्मचारियां द्वारा किये के कारण ऑनलाइन व्यवस्था अब सवाल के घेरे में है।


Body:
बिहार की जनता को अंचल कार्यालयों जाकर याचिका देने की बाध्यता समाप्त किये जाने के उद्देश्य से ऑनलाइन दाखिल खारिज करने की शुरू की गई व्यवस्था फेल होती नजर आ रही है..वही लोगो की परेशानियां अब बनी हुई है..तो वही इसपूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए पटना जिलाधिकारी कुमार रवि ने कैप लगाकर लबिंत मामलों का निष्पादन करने आदेश सभी अंचल अधिकारियों को दिया गया है।

वही उन्होंने कहा कैप के माध्यम से हमलोगों ने कम से कम पचास प्रतिशत मामले का निपटारा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है...उन्होंने कहा कि रैयतों द्वारा जो आवेदन दिए गए है उसमें खेसरा के रकबा अलग अलग नही दिए गए है और जमाबंदी में त्रुटियां होने के कारण कुछ तकनीकियां कठनाईयों आ रही है..जिसको विभाग की ओर से 31 अगस्त तक ठीक करने का निर्देश दिया गया है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आंकड़े बताते है सूबे में हर महीने औसतन एक लाख म्यूटेशन के आवेदन आते है...जबकि 1.15 करोड़ होल्डिंग की लगान रसीद कटी जाती है..तो वही राज्य का कुल रकबा 93.60 लाख हेक्टेयर है।


Conclusion:
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