पटना: वायु प्रदूषण कम करने के लिए परिवहन विभाग लगातार वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट की जांच के लिए अभियान चला रहा है. लोग आसानी से प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवा सकें इसके लिए तेजी से नए वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोले जा रहे हैं. 2020 से पहले बिहार में जांच केंद्रों की संख्या 250 थी. 2020 में यह बढ़कर 1000 हो गई. 2021 में एक हजार से अधिक नए जांच केंद्र खोलने की तैयारी है.
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि नए प्रदूषण जांच केंद्र खुलने से लोगों को रोजगार का एक विकल्प भी मिला है. इसके साथ ही वाहनों के प्रदूषण की जांच और आम लोगों की सहूलियत के लिए राज्य भर में पर्याप्त संख्या में प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे. अधिक से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र खुलने से लोगों को अपने वाहन की प्रदूषण जांच कराने में आसानी होगी.
ब्लॉक में मिल रहा लाइसेंस
"अब इंटर साइंस पास व्यक्ति भी प्रदूषण जांच केंद्र चला सकते हैं. प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए लाइसेंस लेने के लिए लोगों को पटना आने की जरूरत नहीं है. हर जिले के प्रखंड में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का लाइसेंस जिला परिवहन पदाधिकारी दे रहे हैं. पहले यह अधिकार राज्य परिवहन आयुक्त के पास था. इसके साथ-साथ बिहार के सभी वाहन विक्रय केंद्र और सर्विस सेंटर में भी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने को प्रोत्साहित किया जा रहा है. मोबाइल जांच केंद्र की स्थापना के प्रावधान भी किए गए हैं. प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने लाइसेंस और रिन्यूअल के साथ आवेदन शुल्क में भी कमी की है."- संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, परिवहन विभाग
वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए निर्धारित शुल्क
- प्रदूषण जांच केंद्र की लाइसेंस जारी करने के लिए फीस 5000 रुपए
- प्रदूषण जांच केंद्र का लाइसेंस का रिनुअल करने के लिए फीस 5000 रुपए
- प्रदूषण जांच केंद्र का दूसरा लाइसेंस निर्गत करने के लिए फीस 500 रुपए
- प्रदूषण जांच केंद्र के लाइसेंस देने या नवीकरण के लिए आवेदन फीस 1000 रुपए