पटना: कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को पटना जंक्शन पर तैनात किया गया था. इन्हें दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों की कोरोना जांच करने की जिम्मेदारी दी गई थी. जंक्शन पर तैनात नर्सें अपना काम कर रहीं हैं, लेकिन उन्हें वेतन नहीं मिला है. वे परेशान हैं. इसके चलते काम बंद होने की स्थिति पैदा हो गई है.
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पटना जंक्शन पर कार्यरत दर्जनों नर्सों ने आरोप लगाया कि सिविल सर्जन कार्यालय में ट्रेनिंग कराकर उन्हें पटना जंक्शन पर कोविड-19 जांच के लिए अप्रैल महीने से लगाया गया है. डेढ़ महीना बाद भी उन्हें वेतन नहीं मिला है.
डीएम ने बुलाकर दिलाई थी ट्रेनिंग
वेतन के लिए नर्सों ने सिविल सर्जन कार्यालय से लेकर पटना इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज के डायरेक्टर से गुहार लगाया, लेकिन पैसा न मिला. सभी एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ रहे हैं. सभी नर्सें पटना इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज की हैं. कोरोना जब पीक पर था तो इनलोगों को जिलाधिकारी की ओर से बुलाकर ट्रेनिंग करवा कर पटना जंक्शन पर यात्रियों की कोविड जांच के लिए लगाया गया था.
पैसा न मिला तो करेंगे आंदोलन
"मैं अपना फर्ज निष्ठा पूर्वक निभा रही हूं. अगर पैसा नहीं मिलेगा तो परिवार कैसे चलेगा. यहां जांच करने के दौरान कई नर्स संक्रमित हो गईं. हमलोगों को पैसा नहीं दिया जा रहा है."- प्रियंका, नर्स
"पैसा नहीं मिलेगा तो हम लोग काम बंद कर देंगे और अपनी मांगों को लेकर सड़क पर आंदोलन करेंगे."- स्नेहा, नर्स
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