पटना: कोरोना के खतरे के बीच पटना में डेंगू फीवर (Dengue fever) के मामले भी बढ़ने लगे हैं. पटना के पीएमसीएच (PMCH), आईजीआईएमएस (IGIMS), एम्स (AIIMS), एनएमसीएच (NMCH) और कई निजी अस्पतालों में बीते 3 दिनों में 50 से अधिक मरीज एडमिट हो चुके हैं. आरएमआरआई (RMRI) द्वारा पटना के विभिन्न स्थानों से डेढ़ सौ से अधिक डेंगू लार्वा का सैंपल जांच के लिए लिया गया है.
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हालांकि एक तरफ जहां डेंगू के मामले पटना में तेजी से बढ़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ नगर निगम की तरफ से एंटी लार्वा छिड़काव और फॉगिंग का कार्य गंभीरता पूर्वक नहीं हो रहा है. कई प्राइवेट पैथोलॉजी में भी काफी संख्या में डेंगू के मामले सामने आए हैं, ऐसे में अंदाज लगाया जा रहा है कि बीते 1 सप्ताह में पटना में डेढ़ सौ से अधिक डेंगू के मामले सामने आए हैं.
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नगर निगम इन दिनों डिप्टी मेयर के चुनाव की तैयारियों को लेकर व्यस्त है और ऐसे में फॉगिंग और छिड़काव को लेकर गंभीरता से मॉनिटरिंग नहीं कर रहा है, जिस कारण आने वाले दिनों में इसका खामियाजा पटना वासियों को भुगतना पड़ सकता है.
पटना जिला सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी सिंह ने बताया कि फाइलेरिया विभाग को जलजमाव वाले क्षेत्रों और जिन इलाकों में डेंगू मच्छर के लार्वा मिले हैं, वहां एंटी लार्वासाइड्स का छिड़काव कराने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही नगर निगम के अधिकारियों को स्थल चिन्हित कर सूची भिजवाई जा रही है, ताकि नियमित तौर पर उन इलाकों में फागिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा सके.
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बताते चलें कि पटना में जुलाई से अक्टूबर के बीच डेंगू का खतरा काफी ज्यादा रहता है और अभी के समय पटना के राम नगरी, मंदिरी, दीघा, ट्रांसपोर्ट नगर, चंद्रगुप्त नगर, शास्त्री नगर, गर्दनीबाग समेत और 15 क्षेत्रों में डेंगू के काफी अधिक मरीज मिले हैं.