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बिहार में डेंगू ने दी दस्तक, मरीजों की संख्या पहुंची 500 के करीब - Dengue in Bihar

बिहार में डेंगू (Dengue in Bihar) ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. राज्यों में दर्जनो मरीज डेंगू से ग्रसित पाए जा रहे हैं, जिसका कहर पटना में भी देखने कों मिला है. अकेले पटना में बीते 10 दिनों के अंदर डेंगू के मामले बढ़ कर ढाई गुना से अधिक पहुंच गए है. पढ़ें

बिहार में डेंगू का कहर
बिहार में डेंगू का कहर
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Published : Sep 22, 2022, 6:16 PM IST

पटना: बिहार में डेंगू के मरीजों में हो रही वृद्धि (Number of dengue patients increased in Bihar) के बाद अब स्वास्थ्य विभाग सजग हुआ है. पटना में डेंगू मरीजों की संख्या 500 के करीब पहुंच गई है. इधर, डेंगू और चिकनगुनिया के प्रभावी रोकथाम के लिए अति प्रभावित जिला पटना में 360 दिनों तक एडीज मच्छर लार्वा की जांच करने का निर्णय लिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के आंकडों के मुताबिक, बुधवार को तीन सरकारी अस्पतालों में हुई जांच में डेंगू के 57 नये मरीज मिले हैं.

ये भी पढ़ें: पटना में दिखने लगा डेंगू का प्रकोप, जानिए इस रोग के पांच प्रमुख कारण

बिहार में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी: सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जिले मे इस सीजन में अब तक डेंगू मरीजों की संख्या 493 हो गयी है. पटना जिले में बीते 10 दिनों के अंदर डेंगू के मामले बढ़ कर ढाई गुना से अधिक (पटना में डेंगू के मामले बढ़े) हो गये हैं. सिविल सर्जन कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 10 दिन पहले 11 सितंबर तक डेंगू के 189 मरीज मिले थे, वहीं यह संख्या बढ़ कर 21 सितंबर को 493 हो गयी. इनमें अधिकतर मरीजों का इलाज पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच और पटना एम्स में चल रहा है, जबकि बाकी मरीज प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हैं.

इधर, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम अब डेंगू और चिकनगुनिया के प्रभावी रोकथाम के लिए अति प्रभावित जिला पटना में 360 दिनों तक एडीज मच्छर लार्वा की जांच करने का निर्णय लिया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि कम प्रभावित जिलों में 120 कार्य दिवस के रूप में उक्त जांच अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि डेंगू बीमारी रोकने के लिए राज्य के प्रभावित सभी जिलों में घर-घर जाकर एडीज मच्छर के लार्वा की खोजकर उसे समाप्त किया जाएगा. इस बीच, अन्य जिलों में भी डेंगू पांव पसारने लगा है. नालंदा में डेंगू के 300 से अधिक मरीज (300 dengue patients in Nalanda) सामने आ चुके हैं.

''जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व अनुमंडलीय अस्पतालों में प्रभारी चिकित्सकों को डेंगू के प्रति अलर्ट कर दिया गया है. डॉक्टरों को आदेश जारी कर दिया गया है कि किसी भी मरीज में अगर हल्के भी लक्षण मिलते हैं, तो उसको डेंगू का टेस्ट कराएं. स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू से संबंधित दवाएं उपलब्ध करा दी गयी हैं.'' - डॉ के के राय, सिविल सर्जन, पटना

कब होता है डेंगू? : शरीर में प्लेटलेट की मात्रा एक लाख से लगभग पांच लाख होती है और इसकी मात्रा पचास हजार से जैसे-जैसे नीचे आती है तो उस व्यक्ति में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है, इससे बचने के लिए कूलर या अन्य कोई भी सामान में पानी नहीं जमने देना चाहिए, अगर पानी जमता है तो इस बीमारी की संभावना बढ़ जाती है.

डेंगू बढ़ने के प्रमुख कारण: सितंबर के महीने में सामान्य से अधिक बारिश होना. साल 2019 में भी ऐसा ही हुआ था जो डेंगू के मच्छर के पनपने के लिए महीना होता है और उसे नर्चर कंडीशन भी मिल रहे हैं. हाइजीन और साफ सफाई के प्रति लोगों में लापरवाही होना, 2020 और 2021 में कोरोना के कारण लोगों ने साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया. लोगों ने अपने आसपास गंदगी नहीं होने दी. किसी प्रकार का कोई इधर उधर का सामान नहीं छुए, हाइजीन पर विशेष ध्यान दिया, जिसके कारण ऐसा नहीं हो पाया, लेकिन अब कोरोना के बाद लोगों में फिर से लापरवाही आई. लोगों ने हाथ पैर की साफ सफाई पर विशेष ध्यान नहीं दिया जिससे भी इसका असर पड़ा.

शहरों में चल रहे अत्यधिक कंस्ट्रक्शन के कार्य से भी ज्यादा गंदगी फैलने से परेशानी है. ज्यादा गड्ढें होने से पानी का जमाव होने के कारण मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा है. पटना के जिन इलाकों में कंस्ट्रक्शन कार्य अधिक हो रहे हैं, उधर डेंगू के मामलों की संख्या अधिक है. बरसात के मौसम में छत के कोनों पर जमे हुए पानी और मानसून की काफी सक्रियता से डेंगू के मच्छर ज्यादा पनप रहे हैं. क्योंकि छतों पर ठहरे हुए पानी से बरसात के मौसम में डेंगू के मच्छर पनपने के लिए अच्छे कंडीशन हैं.

ये भी पढ़ें: पटना के आयुर्वेद कॉलेज अस्पताल में शुरू हुई किट के माध्यम से डेंगू की जांच प्रक्रिया

डेंगू रोग से बचने का उपाय: पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मनोज सिन्हा (Dr Manoj Sinha At Patna) ने बताया कि कोई भी वायरस 2 से 3 साल बाद नए स्वरूप में अटैक करता है. यहीं इस बार हुआ है. उन्होंने बताया कि 2 सालों बाद पटना में एक बार फिर से डेंगू का मामला बढ़ा है. इस बार डेंगू का डेन स्ट्रेन है, जिसमें मरीज के प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं, हालांकि प्लेटलेट्स में काफी कमी नहीं आ रही है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी से इस वर्ष कैजुअलिटी दर्ज नहीं हुई है, लेकिन कोमोरबिड बीमारी से ग्रसित लोगों को यह काफी परेशान कर रहा है और लंबे समय तक के लिए कमजोर बना दे रहा है.

"अगर 24 घंटे से अधिक समय तक बुखार बना रहता है, तब लोगों को चिकित्सीय संपर्क तुरंत लेना चाहिए, सभी लोगों को डेंगू के लक्षण के प्रति सचेत रहना चाहिए और इस प्रकार की कुछ लक्षण महसूस होते ही जांच करवाना चाहिए. इसके अलावा घरों में कूलर और फ्रिज के पानी को साफ करके रखें ताकि पानी जमा न हो सके" - डॉ मनोज सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल

पटना: बिहार में डेंगू के मरीजों में हो रही वृद्धि (Number of dengue patients increased in Bihar) के बाद अब स्वास्थ्य विभाग सजग हुआ है. पटना में डेंगू मरीजों की संख्या 500 के करीब पहुंच गई है. इधर, डेंगू और चिकनगुनिया के प्रभावी रोकथाम के लिए अति प्रभावित जिला पटना में 360 दिनों तक एडीज मच्छर लार्वा की जांच करने का निर्णय लिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के आंकडों के मुताबिक, बुधवार को तीन सरकारी अस्पतालों में हुई जांच में डेंगू के 57 नये मरीज मिले हैं.

ये भी पढ़ें: पटना में दिखने लगा डेंगू का प्रकोप, जानिए इस रोग के पांच प्रमुख कारण

बिहार में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी: सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जिले मे इस सीजन में अब तक डेंगू मरीजों की संख्या 493 हो गयी है. पटना जिले में बीते 10 दिनों के अंदर डेंगू के मामले बढ़ कर ढाई गुना से अधिक (पटना में डेंगू के मामले बढ़े) हो गये हैं. सिविल सर्जन कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 10 दिन पहले 11 सितंबर तक डेंगू के 189 मरीज मिले थे, वहीं यह संख्या बढ़ कर 21 सितंबर को 493 हो गयी. इनमें अधिकतर मरीजों का इलाज पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच और पटना एम्स में चल रहा है, जबकि बाकी मरीज प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हैं.

इधर, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम अब डेंगू और चिकनगुनिया के प्रभावी रोकथाम के लिए अति प्रभावित जिला पटना में 360 दिनों तक एडीज मच्छर लार्वा की जांच करने का निर्णय लिया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि कम प्रभावित जिलों में 120 कार्य दिवस के रूप में उक्त जांच अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि डेंगू बीमारी रोकने के लिए राज्य के प्रभावित सभी जिलों में घर-घर जाकर एडीज मच्छर के लार्वा की खोजकर उसे समाप्त किया जाएगा. इस बीच, अन्य जिलों में भी डेंगू पांव पसारने लगा है. नालंदा में डेंगू के 300 से अधिक मरीज (300 dengue patients in Nalanda) सामने आ चुके हैं.

''जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व अनुमंडलीय अस्पतालों में प्रभारी चिकित्सकों को डेंगू के प्रति अलर्ट कर दिया गया है. डॉक्टरों को आदेश जारी कर दिया गया है कि किसी भी मरीज में अगर हल्के भी लक्षण मिलते हैं, तो उसको डेंगू का टेस्ट कराएं. स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू से संबंधित दवाएं उपलब्ध करा दी गयी हैं.'' - डॉ के के राय, सिविल सर्जन, पटना

कब होता है डेंगू? : शरीर में प्लेटलेट की मात्रा एक लाख से लगभग पांच लाख होती है और इसकी मात्रा पचास हजार से जैसे-जैसे नीचे आती है तो उस व्यक्ति में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है, इससे बचने के लिए कूलर या अन्य कोई भी सामान में पानी नहीं जमने देना चाहिए, अगर पानी जमता है तो इस बीमारी की संभावना बढ़ जाती है.

डेंगू बढ़ने के प्रमुख कारण: सितंबर के महीने में सामान्य से अधिक बारिश होना. साल 2019 में भी ऐसा ही हुआ था जो डेंगू के मच्छर के पनपने के लिए महीना होता है और उसे नर्चर कंडीशन भी मिल रहे हैं. हाइजीन और साफ सफाई के प्रति लोगों में लापरवाही होना, 2020 और 2021 में कोरोना के कारण लोगों ने साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया. लोगों ने अपने आसपास गंदगी नहीं होने दी. किसी प्रकार का कोई इधर उधर का सामान नहीं छुए, हाइजीन पर विशेष ध्यान दिया, जिसके कारण ऐसा नहीं हो पाया, लेकिन अब कोरोना के बाद लोगों में फिर से लापरवाही आई. लोगों ने हाथ पैर की साफ सफाई पर विशेष ध्यान नहीं दिया जिससे भी इसका असर पड़ा.

शहरों में चल रहे अत्यधिक कंस्ट्रक्शन के कार्य से भी ज्यादा गंदगी फैलने से परेशानी है. ज्यादा गड्ढें होने से पानी का जमाव होने के कारण मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा है. पटना के जिन इलाकों में कंस्ट्रक्शन कार्य अधिक हो रहे हैं, उधर डेंगू के मामलों की संख्या अधिक है. बरसात के मौसम में छत के कोनों पर जमे हुए पानी और मानसून की काफी सक्रियता से डेंगू के मच्छर ज्यादा पनप रहे हैं. क्योंकि छतों पर ठहरे हुए पानी से बरसात के मौसम में डेंगू के मच्छर पनपने के लिए अच्छे कंडीशन हैं.

ये भी पढ़ें: पटना के आयुर्वेद कॉलेज अस्पताल में शुरू हुई किट के माध्यम से डेंगू की जांच प्रक्रिया

डेंगू रोग से बचने का उपाय: पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मनोज सिन्हा (Dr Manoj Sinha At Patna) ने बताया कि कोई भी वायरस 2 से 3 साल बाद नए स्वरूप में अटैक करता है. यहीं इस बार हुआ है. उन्होंने बताया कि 2 सालों बाद पटना में एक बार फिर से डेंगू का मामला बढ़ा है. इस बार डेंगू का डेन स्ट्रेन है, जिसमें मरीज के प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं, हालांकि प्लेटलेट्स में काफी कमी नहीं आ रही है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी से इस वर्ष कैजुअलिटी दर्ज नहीं हुई है, लेकिन कोमोरबिड बीमारी से ग्रसित लोगों को यह काफी परेशान कर रहा है और लंबे समय तक के लिए कमजोर बना दे रहा है.

"अगर 24 घंटे से अधिक समय तक बुखार बना रहता है, तब लोगों को चिकित्सीय संपर्क तुरंत लेना चाहिए, सभी लोगों को डेंगू के लक्षण के प्रति सचेत रहना चाहिए और इस प्रकार की कुछ लक्षण महसूस होते ही जांच करवाना चाहिए. इसके अलावा घरों में कूलर और फ्रिज के पानी को साफ करके रखें ताकि पानी जमा न हो सके" - डॉ मनोज सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल

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