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जंक्शन पर जांच में बरती जा रही कोताही, पटना में कोरोना विस्फोट का खतरा

पटना जंक्शन पर सभी यात्रियों की जांच नहीं हो पा रही है. एक दिन में 100 से 200 लोगों की ही जांच हो रही है. इतने में ही 15 से 20 संक्रमित मिल जा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि सभी यात्रियों की जांच हो ताकि शहर में यह ना फैले. वहीं बता दें कि पटना जंक्शन पर 10 प्लेटफार्म हैं. प्लेटफार्म एक पर ही महाराष्ट्र, पुणे, दिल्ली, गुजरात से ट्रेनें आ जा रही हैं. इनमें भी सभी की जांच नहीं हो पा रही है.

सोशल डिस्टेंसिंग का किसी को ख्याल नहीं.
सोशल डिस्टेंसिंग का किसी को ख्याल नहीं.
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Published : Apr 16, 2021, 7:17 AM IST

पटनाः पटना जंक्शन पर प्रतिदिन महज 100 से 200 लोगों की कोरोना जांच की जा रही है. जंक्शन के गेट नंबर 3 के पास दो से तीन बोगियां होती हैं. उसी तीन बोगियों के यात्रियों की जांच हो रही है. अन्य बोगियों के यात्री गेट नंबर 1 और गेट नंबर 2 से निकल जा रही हैं. यहां सभी यात्रियों की जांच संभव नहीं हो पा रही है. बता दें कि यहां रोजाना हजारों की तादाद में लोग आ रहे हैं. लेकिन सभी की जांच नहीं हो रही है. ऐसे में राजधानी में कोरोना के मामले बढ़ने का खतरा काफी बढ़ चुका है.

यह भी पढ़ें- बिहटा ESIC में जल्द खुलेगा 500 बेड वाला कोविड डेडिकेटेड अस्पताल, गृह मंत्री ने दी मंजूरी

सोशल डिस्टेंसिंग का किसी को ख्याल नहीं
पटना जंक्शन पर 10 प्लेटफॉर्म हैं. प्लेटफार्म एक पर महाराष्ट्र, पुणे, दिल्ली, गुजरात से जो ट्रेनें आती हैं, उन्हीं यात्रियों की कोविड टेस्ट की जाती है. जबकि अन्य प्लेटफार्म पर आनेवाली ट्रेनों के यात्री स्टेशन से निकलने के लिए अलग-अलग रास्तों का प्रयोग कर लेते हैं. इतना ही नहीं, गेट नंबर 3 पर जो जांच हो रही है, उसके कतार में खड़े यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं करवाया जा रहा है. रेलवे स्टेशन पर लैब टेक्नीशियन जांच करने में व्यस्त रहते हैं. वे कतार का ख्याल नहीं रखवा पा रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

पुलिस बल की भी है तैनाती
बिहार पुलिस बल के जवान भी स्टेशन पर तैनात हैं. लेकिन वे भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करवा पा रहे हैं. सभी यात्री एक-दूसरे से काफी नजदीक होकर खड़े रहते हैं. इससे कोरोना के फैलने का खतरा बना रहता है. इस जगह कौन संक्रमित है और कौन नहीं, यह कहना थोड़ा मुश्किल रहता है. इसलिए यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है.

पटना जंक्शन पर कोरोना जांच
पटना जंक्शन पर कोरोना जांच
RAW
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'सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जाता है. लेकिन एक साथ कई सारे लोग आ जाते हैं. इस कारण सभी को कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो जाता है.' -शंभू साह, एएसआई, बिहार पुलिस

'सुबह से लेकर शाम 4ः30 बजे तक 134 लोगों की जांच हुई है, जिसमें 17 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. सभी यात्रियों की जांच की जा रही है.' -रमेश कुमार, मजिस्ट्रेट

मजिस्ट्रेट ने नहीं दिया खुल कर जवाब
बता दें कि जंक्शन पर कम हो रही जांच को लेकर मजिस्ट्रेट रमेश कुमार से सवाल किया गया. उन्होंने इस बारे में बचते हुए इतना कहा कि सभी की जांच हो रही है. जबकि मात्र 134 लोगों की ही जांच हुई थी. जिसमें 17 संक्रमित पाए गए. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 134 यात्री ही शाम के 4ः30 बजे तक पटना जंक्शन पर पहुंचे थे? क्या ज्यादा लोगों की जांच होती तो और संक्रमित मिलने की संभावना नहीं थी?

यह भी पढ़ें- रेलवे यार्ड में पड़ा है Isolation Coach, इधर बेड के अभाव में तड़पकर दम तोड़ रहे मरीज

यह भी पढ़ें- Bihar Corona Update: गुरुवार को 6133 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि, 24 घंटे में 24 की मौत

पटनाः पटना जंक्शन पर प्रतिदिन महज 100 से 200 लोगों की कोरोना जांच की जा रही है. जंक्शन के गेट नंबर 3 के पास दो से तीन बोगियां होती हैं. उसी तीन बोगियों के यात्रियों की जांच हो रही है. अन्य बोगियों के यात्री गेट नंबर 1 और गेट नंबर 2 से निकल जा रही हैं. यहां सभी यात्रियों की जांच संभव नहीं हो पा रही है. बता दें कि यहां रोजाना हजारों की तादाद में लोग आ रहे हैं. लेकिन सभी की जांच नहीं हो रही है. ऐसे में राजधानी में कोरोना के मामले बढ़ने का खतरा काफी बढ़ चुका है.

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सोशल डिस्टेंसिंग का किसी को ख्याल नहीं
पटना जंक्शन पर 10 प्लेटफॉर्म हैं. प्लेटफार्म एक पर महाराष्ट्र, पुणे, दिल्ली, गुजरात से जो ट्रेनें आती हैं, उन्हीं यात्रियों की कोविड टेस्ट की जाती है. जबकि अन्य प्लेटफार्म पर आनेवाली ट्रेनों के यात्री स्टेशन से निकलने के लिए अलग-अलग रास्तों का प्रयोग कर लेते हैं. इतना ही नहीं, गेट नंबर 3 पर जो जांच हो रही है, उसके कतार में खड़े यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं करवाया जा रहा है. रेलवे स्टेशन पर लैब टेक्नीशियन जांच करने में व्यस्त रहते हैं. वे कतार का ख्याल नहीं रखवा पा रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

पुलिस बल की भी है तैनाती
बिहार पुलिस बल के जवान भी स्टेशन पर तैनात हैं. लेकिन वे भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करवा पा रहे हैं. सभी यात्री एक-दूसरे से काफी नजदीक होकर खड़े रहते हैं. इससे कोरोना के फैलने का खतरा बना रहता है. इस जगह कौन संक्रमित है और कौन नहीं, यह कहना थोड़ा मुश्किल रहता है. इसलिए यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है.

पटना जंक्शन पर कोरोना जांच
पटना जंक्शन पर कोरोना जांच
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'सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जाता है. लेकिन एक साथ कई सारे लोग आ जाते हैं. इस कारण सभी को कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो जाता है.' -शंभू साह, एएसआई, बिहार पुलिस

'सुबह से लेकर शाम 4ः30 बजे तक 134 लोगों की जांच हुई है, जिसमें 17 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. सभी यात्रियों की जांच की जा रही है.' -रमेश कुमार, मजिस्ट्रेट

मजिस्ट्रेट ने नहीं दिया खुल कर जवाब
बता दें कि जंक्शन पर कम हो रही जांच को लेकर मजिस्ट्रेट रमेश कुमार से सवाल किया गया. उन्होंने इस बारे में बचते हुए इतना कहा कि सभी की जांच हो रही है. जबकि मात्र 134 लोगों की ही जांच हुई थी. जिसमें 17 संक्रमित पाए गए. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 134 यात्री ही शाम के 4ः30 बजे तक पटना जंक्शन पर पहुंचे थे? क्या ज्यादा लोगों की जांच होती तो और संक्रमित मिलने की संभावना नहीं थी?

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