पटना: बिहार कैबिनेट का विस्तार एक बार फिर टल गया. बीजेपी की सूची पर सहमति नहीं बन सकी है. ना सिर्फ भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव दिल्ली लौट चुके हैं, बल्की दोनों दलों के नेता कैबिनेट विस्तार को लेकर गोल-मटोल जवाब दे रहे हैं.
खरमास के बाद भी विस्तार पर नहीं लगी मुहर
ढाई महीने पहले बिहार में एनडीए की सरकार बनी. काम चलाने के लिए कैबिनेट का गठन भी हुआ, लेकिन उसमें बहुत कम लोगों को जगह मिली. ज्यादातर मंत्रियों के पास दो या दो से ज्यादा विभाग हैं. विभागीय मंत्री नहीं होने के चलते डबल इंजन की सरकार को रफ्तार नहीं मिल पा रही है.
दिल्ली लौटे भूपेंद्र यादव
भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कैबिनेट विस्तार को जेडीयू के शीर्ष नेताओं से मंत्रणा की, लेकिन अब तक सहमति नहीं बन पाई है. भूपेंद्र यादव एक बार फिर दिल्ली लौट चुके हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक भाजपा की तरफ से जो सूची दी जा रही है. इसमें कई चेहरे ऐसे हैं जो नीतीश कुमार की पसंद नहीं हैं. ऐसे में कैबिनेट विस्तार पर दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है. भूपेंद्र यादव दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे.
बता दें कि नीतीश कुमार स्पष्ट कर चुके हैं कि कैबिनेट विस्तार उनकी वजह से नहीं रुका है. भाजपा की ओर से सूची नहीं आई है.
'राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता कैबिनेट विस्तार को लेकर मंथन कर रहे हैं. शीघ्र ही इसका विस्तार हो जाएगा. दोनों दलों के बीच बेहतर सामंजस्य है और किसी तरह की कोई समस्या नहीं है.' - निखिल आनंद, भाजपा प्रवक्ता
कैबिनेट विस्तार सीएम का क्षेत्राधिकार- जदयू
'कैबिनेट विस्तार को लेकर नीतीश कुमार ने स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है. हमें उम्मीद है कि कैबिनेट विस्तार जल्द हो जाएगा. वैसे भी कैबिनेट विस्तार मुख्यमंत्री का क्षेत्राधिकार है.' - अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता