पटना: महीनों से हड़ताल कर रहे नियोजित शिक्षकों की हड़ताल 4 मई को खत्म हो गई. शिक्षकों के सामने एक समस्या थी कि लॉकडाउन के दौरान वो अपने गृह जिले से बाहर कैसे योगदान करेंगे? शिक्षा विभाग ने इसे लेकर बुधवार को एक निर्देश जारी किया है, जिसमें शिक्षकों को अपने स्कूल, अपने पदाधिकारी के समक्ष योगदान करना अनिवार्य कर दिया गया है.
शिक्षा विभाग के अपर सचिव गिरवर दयाल सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो स्कूल बंद होने की स्थिति में शिक्षकों और लाइब्रेरियन का योगदान सुनिश्चित करें. आदेश में इस बात का जिक्र है कि वर्तमान में प्रभावी लॉकडाउन की वजह से स्कूल बंद हैं. इसलिए माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और लाइब्रेरियन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के कार्यालय या उनका स्कूल जिस प्रखंड में हो, उस प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के सामने योगदान कर सकते हैं.
'डीएम से यात्रा पास बनवा सकते हैं'
प्रारंभिक शिक्षक संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय या जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के कार्यालय में योगदान कर सकते हैं. योगदान करने में आवश्यक सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना अनिवार्य है. जो शिक्षक अपने स्कूल से दूर किसी दूसरे जिले में हैं, वो सामान्य प्रशासन विभाग के दिशा निर्देश के अनुसार स्थानीय डीएम से यात्रा पास बनवा कर अपने मुख्यालय पहुंच सकते हैं और अपना योगदान दे सकते हैं. वहीं, निलंबित शिक्षकों को उनके निलंबन आदेश में अंकित मुख्यालय में योगदान करने के साथ-साथ प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षक के संदर्भ में संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना कार्यालय में योगदान करने का विकल्प दिया गया है.
'फरवरी महीने के वेतन का जल्द होगा भुगतान'
वेतन भुगतान को लेकर भी अपर सचिव गिरवर दयाल सिंह ने निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों के फरवरी महीने के कार्य अवधि का वेतन लंबित है, उनका वेतन तुरंत भुगतान किया जाए. हालांकि हड़ताल की अवधि के वेतन को लेकर ये कहा गया है कि इसके लिए आदेश अलग से दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के दौरान शिक्षक जो हड़ताल पर थे, उन्हें वेतन सरकार दे सकती है. इसके लिए व्यवस्था की जा रही है.